Tuesday , October 29 2024

UP पंचायत चुनाव में जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिजनों को मिली मदद, सरकार ने दिया 600 करोड़ का मुआवजा

लखनऊ। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अप्रैल-मई में पंचायत चुनाव में ड्यूटी पर संक्रमण का शिकार होकर जान गंवाने वाले करीब 2000 कर्मचारियों के परिवारों को यूपी सरकार ने आर्थिक मदद भेजी है.

मुआवजे के लिए 600 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जारी

सरकार ने इस हफ्ते मुआवजे के तौर पर 600 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जारी की है. सरकारी आदेश में जान गंवाने वाले राज्य सरकार के सभी 2128 कर्मचारियों का नाम दर्ज है.

UP: निजी सचिव की आत्महत्या के मामले में इंस्पेक्टर और दारोगा निलंबित, सुसाइड नोट में इस बात का जिक्र

2097 की मौत कोविड-19 से हुई थी

इनमें से 2097 की मौत कोविड-19 और 31 की मौत अन्य कारणों से हुई थी. 26 अगस्त के एक सरकारी आदेश में राज्य चुनाव आयोग को 606 करोड़ रुपये भेजने की बात कही गई है.

प्रत्येक परिवार को 30 लाख रुपये भेजने के आदेश

साथ ही जिला मजिट्रेट्स को जान गंवाने वाले 2000 से ज्यादा कर्मचारियों में प्रत्येक परिवार को 30 लाख रुपये भेजने के आदेश दिए गए हैं.

मिशन 2022 : यूपी की 403 सीटों पर भाजपा करेगी प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन

एक हफ्ते में बैंक खातों में आएगा पैसा

यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा, ‘जिला मजिस्ट्रेट मृतक कर्मचारियों के परिजनों के बैंक खातों में RTGS के जरिए एक हफ्ते के भीतर रुपये ट्रांसफर कर देंगे.’

चुनाव में ड्यूटी के दौरान हुई थी मौत

उत्तर प्रदेश सरकार ने शुरुआत में कहा था कि, चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोविड-19 के चलते कुछ ही कर्मचारियों की मौत हुई है.

पंचतत्व में विलीन हुए सिद्धार्थ शुक्ला, नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई

इसके लिए सरकार ने चुनाव आयोग के मानदंडों का हवाला दिया था, जिसमें कहा गया था कि, मौत की गिनती तभी की जाएगी जब यह ड्यूटी के दौरान घर से निकलने और वापसी के दौरान हो.

मुआवजे को लेकर मानदंडों में विस्तार

26 अगस्त के आदेश में कहा गया है कि, सरकार ने 2128 कर्मचारियों की मौत पर विचार करने के लिए मुआवजे को लेकर मानदंडों में विस्तार किया है.

26 अगस्त के आदेश में बताया गया, ‘कोविड-19 महामारी के चलते बने हालात के कारण मृतक कर्मचारियों के फायदे और अनुकंपा के आधार पर पंचायत चुनाव की ट्रेनिंग, मतदान या मतगणना प्रक्रिया के 30 दिनों के भीतर मौतों पर विचार करने के लिए मानदंड बदले गए हैं.’

Noida: मिशन शक्ति अभियान के तहत कार्यशाला का अयोजन, आयोग की अध्यक्ष ने महिलाओं को किया जागरूक

यह तब हुआ जब एक बड़े शिक्षक संगठन ने अप्रैल और मई में 2000 से ज्यादा शिक्षकों और अलग-अलग सरकारी विभागों के उन कर्मचारियों की मौत का दावा किया, जो चुनाव ड्यूटी पर थे और कोविड के चलते कुछ दिनों बाद उनकी मौत हो गई थी.

राज्य चुनाव आयोग के लिए 606 करोड़ रुपये जारी

26 अगस्त के आदेश के अनुसार, राज्य चुनाव आयोग के लिए 606 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं. जबकि, अन्य 27.75 करोड़ रुपयों की व्यवस्था सरकार कर रही है.

क्योंकि 2128 मृतक कर्मचारियों के परिवारों में प्रत्येक को 30-30 लाख रुपये मुआवजा देने के लिए 633.75 करोड़ रुपये की जरूरत है.

यूपी में नियंंत्रण में दूसरी लहर : इन जिलों में एक्टिव केस शून्य, 24 घंटे में मिले मात्र 18 नए मरीज

इसके चलते 96 कर्मचारियों के परिवारों को मुआवजे के लिए थोड़ा और इंतजार करना होगा. कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बीच राज्य में पंचायत चुनाव आलोचना का शिकार हुए थे.

इलाहबाद हाईकोर्ट ने भी अप्रैल में चुनाव को स्थगित कराने के लिए दाखिल हुई जनहित याचिका पर विचार नहीं किया था. चुनाव हाईकोर्ट की तरफ से दिए हुए आदेशानुसार अप्रैल और मई में ही हुए.

छठे इस्टर्न इक्नॉमिक फोरम में PM मोदी का संबोधन, कहा- भारत रूस का एक विश्वसनीय भागीदार है

Check Also

IPhone रिसीव किया…पैसे न देने पड़े इसलिए डिलीवरी बॉय मार दिया, जानें कहां अंजाम दी गई वारदात?

Lucknow Man killed Delivery Boy for iPhone: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ वैसे तो सूबे की …