लखनऊ। उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) में लखनऊ (lucknow), नोएडा (noida), वाराणसी (varanasi) और कानपुर (kanpur) के बाद अब चार और शहरों में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली (Police Commissionerate System) लागू करने की तैयारी है. ये शहर गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा और मेरठ हैं.
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सीएम ने कमिश्नरी सिस्टम लागू करने की समीक्षा करने के दिए निर्देश
इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ (cm yogi adityanath) ने इन जिलों गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा और मेरठ में कमिश्नरी सिस्टम लागू करने की समीक्षा करने के निर्देश दे दिए हैं. दरअसल, यूपी के 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में इस प्रणाली को लेकर समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं.
सबसे पहले लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरी सिस्टम लागू हुआ
जिसको लेकर गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा और मेरठ में यह व्यवस्था लागू करने पर विचार चल रहा है. उत्तर प्रदेश में सबसे पहले लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरी सिस्टम लागू किया गया. इसके सफल परिणाम सामने आने के बाद सरकार ने वाराणसी और कानपुर में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू की.
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अन्य जिलों में भी प्रणाली का किया जाएगा विस्तार
अब धीरे-धीरे अन्य शहरों की भी समीक्षा का काम आगे बढ़ाया जा रहा है. इसके तहत गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा और मेरठ की समीक्षा चल रही है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनो में कई अन्य जिलों में भी इस प्रणाली को विस्तार दिया जाएगा.
प्रणाली लागू होने से होंगे बदलाव
पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने पर जिलाधिकारी और एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के कई अधिकार पुलिस अधिकारियों को मिल जाते हैं. कमिश्नर प्रणाली लागू होने पर पुलिस के अधिकार काफी हद तक बढ़ जाते हैं. कानून व्यस्था से जुड़े तमाम मुद्दों पर पुलिस कमिश्नर निर्णय ले सकते हैं.
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अब तमाम तरह के झंझट होंगे खत्म
जिले में डीएम के पास अटकी रहने वाली तमाम फाइलों को अनुमति लेने का तमाम तरह का झंझट भी खत्म हो जाता है. कमिश्नर सिस्टम लागू होते ही एसडीएम और एडीएम को दी गई एग्जीक्यूटिव मैजिस्टेरियल पावर पुलिस को मिल जाती है.
पुलिस शांति भंग की आशंका में कर सकती है ये कार्रवाई
इससे पुलिस शांति भंग की आशंका में निरुद्ध करने से लेकर गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और रासुका तक लगा सकेगी. फिलहाल ये सब लगाने के लिए डीएम की सहमति जरूरी होती है.
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