HMPV Causes: देश में इस वायरस के अबतक 6 मामले मिल चुके हैं, जिसके बाद से ही हेल्थ डिपार्टमेंट एक्टिव हो गया है और इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रयास कर रहा है। दरअसल, डर इस बात का है कि कहीं यह वायरस 5 साल पहले कोरोना से हुए कोहराम जैसा हाल न कर दे। आइए जानते हैं यह वायरस कैसे कोरोना से अलग है।
HMPV Causes: कोरोना आज से 5 साल पहले दुनिया को ऐसा भयावह दृश्य दिखा चुका है कि लोग उस समय को याद भी नहीं करना चाहते हैं। जिन लोगों ने अपने परिजनों को इस बीमारी के चलते खोया है, वे आज भी उस वायरस के खौफ को महसूस कर रहे हैं। अब एक और चीनी वायरस ने अपने पैर पसारना शुरू कर दिए हैं। इसका नाम ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) भी है, जो असल में एक पुराना वायरल संक्रमण ही है। इस वायरस की पुष्टि साल 2001 में ही कर दी गई थी, जिसमें सांस संबंधी समस्याएं होती हैं, खांसी, जुकाम जैसी चीजें होती हैं। चीन से सामने आए कुछ वायरल वीडियोज को देखकर महसूस हो रहा है कि यह वायरस भी उतना ही घातक हो सकता है। आइए जानते हैं यह वायरस कोरोना से कितना अलग है?
क्या है HMPV?
HMPV को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस भी कहते हैं। क्लीवेलैंड क्लीनिक में छपी रिपोर्ट की मानें, तो यह आम सर्दी-जुकाम वाला फ्लू है, जो एक रेस्पिरेट्री इन्फेक्शन है। यह वायरस सर्दियों के सीजन में ज्यादा एक्टिव हो जाता है, साथ ही बच्चों को अपनी चपेट में ज्यादा ले रहा है। हालांकि, यह भी फेफड़ों से संबंधित रोग है, जिसमें संकेत कोरोना से मेल खाते हैं लेकिन इसमें कुछ अंतर बाकी है।
कोरोना से कितना अलग?
हेल्थ रिपोर्ट्स के अनुसार, कोरोना और एचएमपीवी दोनों सांस संबंधी रोग यानी रेस्पिरेट्री इन्फेक्शन हैं। दोनों में सर्दी-जुकाम, खांसी के साथ फेफड़ों में संक्रमण होता है। कई मामलों में दोनों के इन्फेक्शन को खत्म होने में समय भी एक जैसा लग सकता है। मगर कोरोना में टेस्ट, खुशबू और शरीर में खून के थक्के भी जम जाते हैं, जो कि एचएमपीवी वायरस के मरीजों में नहीं पाए जाते हैं। साथ ही, बचाव के लिए इसके उपाय भी कम हैं क्योंकि कोरोना की तरह इसमें एंटीवायरल दवा का सेवन करना फायदेमंद नहीं होगा।
HMPV के संकेत
- सर्दी-खांसी
- बुखार
- नाक बहना
- गले और सीने से घरघराहट की आवाज आना
- सांस लेने में तकलीफ
किन लोगों को ज्यादा रिस्क?
इस वायरस का जोखिम पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों, खासतौर पर शिशुओं। वृद्ध, जो 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति हैं तथा कमजोर इम्यूनिटी वाले, अस्थमा और सीओपीडी जैसी
सांस संबंधी समस्याओं वाले व्यक्तियों को है।
क्या सावधानियां बरतें?
साफ-सफाई का ख्याल रखें।
संक्रमित इलाकों से दूरी बनाएं।
मास्क का यूज करें।
हैंड सेनिटाइजर का प्रयोग करें।
भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें।