Google और NCERT ने भारत में क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए पार्टनरशिप की है। इसके तहत कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक के बच्चों के करिकुलम से जुड़ी यूट्यूब क्लासेज शुरू होंगी। आइए इसके बारे में जानते हैं।
Quality Education in India: भारत सरकार शिक्षा को लेकर लगातार प्रयासरत रहती है। इसी सिलसिले में गूगल ने नेशनल काउंनसल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) के साथ पार्टनरशिप करने की तैयारी में है। इस पार्टनरशिप के तहत NCERT आने वाले महीनों में कक्षा 1 से 12 तक के करिकुलम से जुड़े कई यूट्यूब चैनल लॉन्च करेगा। इसकी जानकारी सोमवार को दी गई। इस पार्टनरशिप का उद्देश्य भारत के हर कोने में क्वालिटी एजुकेशन पहुंचाना है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
एजुकेशन यूट्यूब चैनल
बता दें कि ये यूट्यूब चैनल्स 29 भाषाओं में उपलब्ध है, जिसमें साइन लैग्वेज भी शामिल हैं। ये चैनल आसान तरीके से एजुकेशन मटेरियल को लोगों तक पहुंचाएंगे। इससे छात्रों के साथ-साथ अभिभावकों और टीचर्स को भी मदद मिलेगी। यूट्यूब हमेशा से लर्निंग को आसान बनाता आया है। भारत में जहां तक शिक्षा को सुलभ बनाने की बात है, इससे यूट्यूब इनोवेशन, टूल्स और रिसोर्सेज लर्निंग प्रोसेस में बहुत मददगार साबित हो सकते हैं।
इसके अलावा, गूगल ने ऑथेंटिक करिकुलम शुरू करने के लिए नेशनल प्रोग्राम ऑफ टेक्नोलॉजी एन्हैन्स लर्निंग के साथ कोलेबरेशन की भी घोषणा की। NPTEL अब विज्ञान और साहित्य से लेकर खेल मनोविज्ञान और रॉकेट प्रप्लशन तक कई अलग-अलग विषयों पर 50 करिकुलम देता है।
यूट्यूब पर सर्टिफिकेशन कोर्स
डायरेक्टर ऑफ प्रोडक्ट मैनेजर, यूट्यूब लर्निंग जोनाथन किट्जमैन ने अपने गूगल ब्लॉग पोस्ट में कहा कि इस पहल के जरिए, IIT सिस्टम से बाहर के किसी भी व्यक्ति के लिए NPTEL के YouTube चैनल पर कोर्स करने और फिर NPTEL-SWAYAM पोर्टल पर ऑनलाइन सर्टिफिकेशन पूरा करने और IIT से सर्टिफिकेट पाने का रास्ता बनाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले महीनों में और भी कोर्स शुरू किए जाएंगे।
Google की स्ट्रीमिंग साइट YouTube ने क्रिएटर्स को बेहतर एजुकेशन एक्सपीरियंस देने में मदद करने के लिए 2022 में भारत में सबसे पहले कोर्स शुरू किए। 2024 में, कंपनी ने और भी ज्यादा क्रिएटर्स को कोर्स विकसित करने और साझा करने के लिए सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। इसके अलावा, समझ में सहायता के लिए इसने मेन कॉन्सेप्ट के रोल-आउट के साथ इसे एक कदम आगे बढ़ाया है।
आगे उन्होंने बताया कि AI का उपयोग करके, हम एक वीडियो में शामिल कॉन्सेप्ट की पहचान करते हैं और जीव विज्ञान, भौतिकी और रसायन विज्ञान जैसे विषयों में उन कॉन्सेप्ट के वेब से परिभाषाएं दे सकते हैं। हम वीडियो की ट्रांसक्रिप्ट और अन्य संबंधित वीडियो मेटाडेटा के आधार पर Google के नॉलेज ग्राफ से डेफिनेशन और इमेज पेश करते हैं।
कंपनी ने ऑनलाइन वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म ने क्विज भी पेश किए हैं, ताकि स्टूडेंट्स को सीखी गई बातों को लागू करने में मदद मिल सके। इसका YouTube प्लेयर फॉर एजुकेशन खास स्टूडेट्स के लिए डिजाइन किया गया। जो एजुकेशन टूल में YouTube वीडियो दिखाने के तरीके को बेहतर बनाता है।