World News in Hindi: सीरिया में विद्रोह के बाद राष्ट्रपति बशर अल असद ने देश छोड़ दिया था। उन्हें रूस ने राजनीतिक शरण दी है। इस मामले में रूस का आधिकारिक बयान भी सामने आया है। सीरिया को लेकर यूएस ने भी प्रतिक्रिया दी है। विस्तार से पूरी बात जानते हैं।
World Latest News: सीरिया में विद्रोह के बाद राष्ट्रपति बशर अल असद ने देश छोड़ दिया था। राजधानी दमिश्क पर विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया था। जिसके बाद विमान के जरिए बशर सीरिया से निकल गए थे। वे कहां गए, इस बारे में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही थीं? अब रूस ने आधिकारिक बयान जारी किया है। राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने सोमवार को कहा कि रूस ने सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद को राजनीतिक शरण दी है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने बताया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने असद को शरण देने का निजी फैसला लिया। असद को कहां ठहराया गया है, इस बारे में पेस्कोव ने नहीं बताया? पेस्कोव ने कहा कि फिलहाल पुतिन की पेस्कोव से मिलने की योजना नहीं है। इस मामले में अमेरिका की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। यूएस ने असद सरकार के पतन को स्वागत योग्य कदम बताया है।
निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि सीरिया में बशर की सरकार का पतन होना वहां के लोगों के लिए ऐतिहासिक मौका है। असद ने अपने 50 साल के शासन में हजारों निर्दोष सीरियाई लोगों के साथ क्रूरता की। उनको मारा, देश से निकाला। बता दें कि सीरिया में कई साल से गृहयुद्ध चल रहा था। जिसके बाद विद्रोही गुटों ने देश पर कब्जा कर असद सरकार को गिरा दिया। बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कहा कि वे सीरिया के लोगों को बधाई देते हैं। सीरिया ने 13 साल तक गृहयुद्ध का दंश झेला। असद और उनके पिता ने आधी सदी तक इस देश में क्रूरता की। असद शासन का पतन न्याय का मौलिक कार्य है। लंबे समय से क्रूरता सहने वाले लोगों के पास अब अपने देश का गौरवशाली भविष्य बनाने का मौका है।
11 दिन चली भीषण जंग
बाइडेन के अनुसार यह समय सीरिया के लिए जोखिम और अनिश्चितता का है। असद के शासन को ईरान, रूस और हिजबुल्लाह का समर्थन था। जो अब खत्म हो चुका है। सीरिया से असद को बेदखल करने वाले गुट का नेतृत्व ‘हयात तहरीर अल शाम’ करता है। अमेरिका इसे आतंकवादी संगठन मानता है। इस गुट का पहले समर्थन अल कायदा से रहा है। हालांकि मौजूदा समय में यह संगठन दावा करता है कि वह अल कायदा से संबंध तोड़ चुका है। इस संगठन ने पिछले 11 दिन तक सीरिया की सेना के साथ भीषण जंग लड़ी और उसे घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।