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बिहार: सोशल मीडिया और फिल्म से सीखा आठ लाख की रंगदारी मांगने का तरीका

एक शख्स ने सोशल मीडिया,अक्षय कुमार की फिल्म ‘हेरा फेरी’ और ‘क्राइम पेट्रोल’ देखकर एक व्यवसायी से आठ लाख रुपये की मांग कर दी। हालांकि पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। फिर उसने इसकी वजह और तरीका बताया तो पुलिस भी दंग रह गई।

युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया काफी प्रभावशाली है। इससे युवाओं पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव पड़ते हैं। कुछ इसी तरह के प्रभाव ने बिहार के दो युवाओं को अपराधी बना दिया। बिहार के दो युवा फिल्म का क्लिप देखकर व्यवसायी से 8 लाख रुपये की रंगदारी मांग दी, जिसे पुलिस ने अब गिरफ्तार कर लिया है। मामला जमुई जिला के बरहट थाना क्षेत्र की है।

किराना दुकानदार से मांगी आठ लाख की रंगदारी
घटना के संबंध में एसडीपीओ सतीश सुमन का कहना है कि आरोपी बरहट थाना क्षेत्र के एकडरबा गांव निवासी पंकज यादव (33) और राजेश यादव (38) हैं। यह दोनों
पाडो गांव निवासी किराना दुकानदार नरेश प्रसाद से आठ लाख रुपए की रंगदारी मांग रहे थे। धमकी मिलते ही नरेश प्रसाद ने तुरंत घटना की सूचना थाने को दी, जहां मामला दर्ज हुआ। मामला दर्ज होते ही पुलिस हरकत में आई और जांच में जुट गई।

फिल्म और सीरियल देखकर बनाई योजना
एसडीपीओ सतीश सुमन ने बताया कि इस घटना का आरोपी पंकज ने कई ग्रुप लोन और बैंक से कर्ज ले रखा था, जिसे वह चूका नहीं पा रहा था, इस वजह से उसपर काफी दवाब था। वह कर्ज देने में असमर्थ हो रहा था इसलिए उसने धमकी देकर रुपया ऐंठने की एक सरल सी योजना बना ली। एसडीपीओ सतीश सुमन ने बताया कि योजना बनाने के बाद उस योजना को धरातल पर कैसे उतारा जाय इसके लिए उस अपराधी ने सोशल मीडिया का सहारा लिया। इसके लिए उसने अक्षय कुमार की फिल्म ‘हेरा फेरी’ और ‘क्राइम पेट्रोल’ देखकर घटना को अंजाम देने की योजना बना डाली। इसके बाद किराना दुकान चलाने वाले व्यवसायी से आठ लाख रुपए रंगदारी मांग की।

क्राइम पेट्रोल से सीखा बचने का उपाय
एसडीपीओ सतीश सुमन ने बताया कि अपराध को छुपाने और पुलिस से बचने के लिए उसने क्राइम पेट्रोल का भी सहारा लिया, ताकि अपराध करने के बाद वह पुलिस से बच सके। इसके लिए अपराधी पंकज ने पिछले महीने पश्चिम बंगाल से सिम कार्ड खरीदा था और फिर उसी नंबर से नरेश दास से आठ लाख रुपए रंगदारी मांगने लगा।

पुलिस का कहना है कि आरोपी पंकज नंबर बदल बदल कर रुपये की मांग करता था। पुलिस का कहना है कि इस घटना में आरोपी पंकज एक अन्य सहयोगी राजेश यादव भी था, जो उसका पूरा सहयोग कर रहा था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।

गुनाह करने और उससे बचना सीखा लेकिन अंजाम से नहीं लिया सबक
एसडीपीओ सतीश सुमन ने बताया कि मामला दर्ज होते ही एसपी डा.शौर्य सुमन के निर्देश पर एक पुलिस टीम का गठन किया गया, जिसमें एसडीपीओ सतीश सुमन,सर्किल इंस्पेक्टर प्रताप सिंह, बरहट थानाध्यक्ष कुमार संजीव, एसआई धनंजय कुमार सिंह, एसआई उर्मिला कुमारी और डीआइयू और तकनीकी सेल के पदाधिकारी और जवान शामिल थे। उन्होंने बताया कि डीआइयू और तकनीकी सेल की मदद से दोनों आरोपी को उसके गांव एकडरबा से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इस घटना में उपयोग किए गए मोबाइल फोन भी बरामद किये हैं। घटना के संबंध में एसपी डा.शौर्य सुमन ने बताया कि अपराधियों ने सोशल मीडिया, फिल्म और क्राइम पेट्रोल का सहारा जरुर लिया लेकिन क्राइम पेट्रोल के अंजाम वाले सीन को नकार दिया, जबकि सच्चाई यह है कि गुनाहगार चाहे जितने भी जतन कर लें लेकिन एक न एक दिन पुलिस की गिरफ्त में आता जरुर है।

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