कोर्ट ने आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को 2010 में हुए दंगे का मास्टरमाइंड ठहराया है। इस मामले में मौलाना के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया गया था। पुलिस को आदेश दिया गया था कि मौलाना को गिरफ्तार कर 19 मार्च कोर्ट में पेश किया जाए। लेकिन पुलिस अब तक मौलाना का सुराग नहीं लगा पाई है।
बरेली में वर्ष 2010 में हुए दंगे के मास्टरमाइंड आईएमसी (इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के घर पर सोमवार दोपहर पुलिस ने गैरजमानती वारंट चस्पा कर दिया। 13 मार्च को अदालत ने एसएसपी को जिम्मेदारी दी थी कि वह मौलाना को गिरफ्तार करवाकर 19 मार्च को पेश करें। पुलिस की दस टीमें चार राज्यों में मौलाना की तलाश कर रही हैं, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिल सका है। मंगलवार को पुलिस कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी।
मौलाना तौकीर रजा को वर्ष 2010 में दो मार्च को हुए दंगे का मुख्य मास्टरमाइंड बताकर एडीजे रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने शुरू में समन जारी कर उनको तलब किया था। तभी से मौलाना फरार हैं। कोर्ट की ओर से दो बार मौलाना के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किए गए हैं। इंस्पेक्टर प्रेमनगर की लापरवाही मानते हुए कोर्ट ने उनके खिलाफ जांच के आदेश भी दिया था। सीओ प्रथम भी अनुपालन न करा सके तो कोर्ट ने एसएसपी को मौलाना को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
पुलिस ने दरवाजे पर चस्पा किया वारंट
मौलाना तौकीर रजा को तलाशने में नाकाम रही पुलिस मोहल्ला सौदागरान स्थित उनके घर पहुंची। वहां ताला लटका मिला तो दरवाजे पर वारंट की प्रति चस्पा कर दी। सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि टीम अब भी मौलाना की तलाश कर रही है। मंगलवार को जो भी स्थिति होगी, कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा।
मौलाना तौकीर रजा के सभी मोबाइल नंबर बंद हैं। उनके परिचितों व रिश्तेदारों के नंबरों के सहारे पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। बरेली पुलिस की टीमें राजस्थान के अजमेर, जयपुर, भरतपुर समेत पश्चिम बंगाल, दिल्ली और हैदराबाद में दबिश दे रही हैं। स्थानीय स्तर पर आईएमसी के पदाधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है। इनमें से भी कई के नंबर सर्विलांस पर लगाकर सुराग जुटाने की कोशिश की जा रही है।