Thursday , October 31 2024

गोरखपुर: पूर्व विधायक का सरकारी आवास खाली कराने पर हंगामा

गोरखपुर सहजनवां के पूर्व विधायक टीएन मिश्रा के सरकारी आवास को सोमवार की सुबह प्रशासन की टीम खाली करवाने पहुंची। परिजनों का आरोप है कि बिना किसी सूचना या जानकारी के बाहरी लोगों के साथ जबरन घर खाली करवाया जा रहा था।

गोरखपुर में सिविल लाइंस स्थित सहजनवां के दिवंगत पूर्व विधायक टीएन मिश्रा के आवंटित आवास को खाली कराने को लेकर सोमवार को हंगामा खड़ा हो गया। कोर्ट के आदेश पर अमीन की मौजूदगी में जब पुलिस-प्रशासन की टीम पहुंची तो उन्हें परिजनों के विरोध का सामना करना पड़ा।

इस दौरान ज्यादातर सामान आवास से उठाकर बाहर फेंक दिया था, लेकिन परिजनों ने जबरन कार्रवाई का आरोप लगाया। साथ ही पूर्व में नोटिस नहीं मिलने की बात कही। विवाद बढ़ता देख टीम मौके से लौट आई।

जानकारी के मुताबिक, त्रियुगी नारायण मिश्रा (टीएन मिश्रा) 1985 में सहजनवां विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी से विधायक चुने गए थे। विधायक रहते उन्हें सिविल लाइंस में सरकारी आवास आवंटित किया गया था। परिजनों का दावा है कि उनके निधन के बाद उनकी मां के नाम पर आवास हस्तांरित हो गया था। इसी के बाद से उनके परिजन वहीं पर रहते हैं। तकरीबन 15 साल पहले पड़ोस में रहने वाले डॉ. सुनील कमानी ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था।

उनका दावा है कि जमीन उनकी प्राइवेट है और पंद्रह साल पहले ही आवंटन निरस्त हो चुका है। तबसे कोर्ट में केस चल रहा था। अब कोर्ट ने डॉक्टर के पक्ष में फैसला देते हुए अमीन को मकान खाली कराने का आदेश भी जारी कर दिया। अमीन एक हफ्ते पहले इसकी सूचना लेकर गया था, लेकिन वहां पर रहने वालों ने उसे रिसीव नहीं किया था।

इसके बाद अमीन ने कोर्ट में रिपोर्ट दी थी। फिर कोर्ट के आदेश पर अमीन ने पुलिस फोर्स की मांग की थी। सोमवार को अमीन, कैंट पुलिस के साथ मौके पर पहुंचा। पूर्व विधायक के परिजनों का आरोप है कि अराजकतत्वों ने उनका सामान बाहर कर दिया। उन्होंने इसकी शिकायत आईजीआरएस पर भी की है।

वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुनील कमानी ने बताया कि न्यायालय में केस चल रहा था, मेरे पक्ष में फैसला मिला है। न्यायालय के आदेश पर अमीन ने पुलिस फोर्स की मांग की थी। सोमवार को पुलिस की मौजूदगी में मकान को खाली करने का काम किया जा रहा था, तभी कुछ अराजक लोग आकर हंगामा करने लगे और मकान खाली नहीं करने दिए।

जब कोर्ट के आदेश पर अमीन के साथ पुलिस गई थी तो फिर बाहरी लोगों को मैं क्यों बुलाऊंगा। अमीन एक हफ्ते पहले नोटिस लेकर गया, लेकिन उसे रिसीव नहीं किया गया था, इसके बाद कोर्ट के आदेश पर प्रक्रिया के तहत सोमवार को कार्रवाई की जा रही थी।

पूर्व विधायक की बहू आद्या शक्ति मिश्रा ने आरोप लगााया कि कुछ प्राइवेट लोग मेरे पास आए और बोले कि उनके पास आदेश है, घर को खाली करिए। लेकिन, कोई नोटिस का आदेश नहीं दिखाए।

सभी लोग जबरदस्ती घर में घुस गए और घर में रखा सामान निकाल कर बाहर फेंकने लगे। घर में रखे सोने के जेवर उठा ले गए। विरोध करने पर आसपास के लोग एकत्र हो गए तो वे लोग भाग गए। इसकी जानकारी एसएसपी को पत्र के जरिए और आईजीआरएस के माध्यम से दी है।

एसएसपी गौरव ग्रोवर ने कहा कि न्यायालय के आदेश पर पुलिस आवास खाली कराने गई थी। पुलिस सख्ती के साथ न्यायालय के आदेश का पालन कराएगी। पूर्व विधायक के परिजनों के आरोप बेबुनियाद हैं। सरकारी काम में बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

Check Also

IPhone रिसीव किया…पैसे न देने पड़े इसलिए डिलीवरी बॉय मार दिया, जानें कहां अंजाम दी गई वारदात?

Lucknow Man killed Delivery Boy for iPhone: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ वैसे तो सूबे की …