संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अपील की है कि वह इस मानवीय आपदा को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाए। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाजा में रहने वाली 80 फीसदी आबादी अपने घर छोड़कर पलायन कर चुकी है।
गाजा पट्टी में इस्राइली हमलों के चलते बड़ी संख्या में फलस्तीनी लोग गाजा छोड़कर मिस्त्र की सीमा में दाखिल हो रहे हैं। अब इसे लेकर मिस्त्र ने नाराजगी जाहिर की है और धमकी दी है कि अगर उन उनके यहां शरणार्थियों का आना बंद नहीं हुआ तो वह इस्राइल के साथ अपने कूटनीतिक संबंध खत्म कर देंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गाजा पट्टी से लोग मिस्त्र के सिनाई पेनिनसुला पहुंच रहे हैं।
इस्राइल हमास युद्ध से जुड़े ताजा अपडेट
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक बयान में गाजा पट्टी में मारे जा रहे आम नागरिकों की मौतों पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि दक्षिणी गाजा में इस्राइल की कार्रवाई को एक हफ्ता बीत गया है लेकिन उन्होंने वादा किया था कि आम नागरिकों की सुरक्षा की जाएगी लेकिन उनके वादे और असल नतीजों में अंतर दिख रहा है। वॉशिंगटन में ब्रिटेन के विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कही।
वहीं व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सहयोगी जॉन फिनर ने कहा है कि अमेरिका ने इस्राइल को सामने गाजा में अपनी सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की है। फिनर ने कहा कि अगर अभी लड़ाई रुक जाती है तो इससे हमास का खतरा बना रहेगा।
इस्राइल ने संयुक्त राष्ट्र को संकेत दिए हैं कि वह केरेम शालोम क्रॉसिंग को जल्द खोल सकता है ताकि गाजा में मानवीय मदद पहुंचाने में तेजी आ सके। फिलहाल इसे लेकर बातचीत चल रही है।
वहीं युद्ध के चलते गाजा में मानवीय संकट गहरा गया है। हजारों फलस्तीनी अमानवीय परिस्थितियों में रहने को मजबूर हैं। संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अपील की है कि वह इस मानवीय आपदा को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाए। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाजा में रहने वाली 80 फीसदी आबादी अपने घर छोड़कर पलायन कर चुकी है। गाजा में टेलीकॉम सेवाएं बंद है और खाने-पानी और दवाईयों की भी समस्या हो रही है।
वहीं हिजबुल्ला के एंटी टैंक मिसाइल के हमले में दो इस्राइली सैनिकों के घायल होने की खबर है। इस्राइली सेना ने बताया कि हमला लेबनान सीमा पर शतुला इलाके में हुआ। वहीं हिजबुल्ला के हमले के जवाब में इस्राइली सेना ने भी हिजबुल्ला के उन ठिकानों पर बमबारी की, जहां से हमले हुए।