Wednesday , June 19 2024

सिद्धबली महोत्सव: तीन लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

सिद्धपीठ श्री सिद्धबली महोत्सव के आखिरी दिन गढ़वाली जागर गाए गए। इस दौरान डौंर-थाली की थाप पर विभिन्न देवी-देवताओं के जागरों से सिद्धों का डांडा गुंजायमान रहा। श्रद्धालुओं ने सिद्धबाबा के जयकारे लगाए। इस दौरान भैरों और नरसिंह देवता के पश्वा जलते अंगारों पर नाचे और अंगारों को चबाने लगे। देवताओं का यह रूप देखकर लोगों ने उनपर गंगाजल छिड़कर शांत कराया।

रविवार को सुबह दस बजे से एकादश कुंडीय यज्ञ परिसर में बाबा के जागर गए गए। लैंसडौन के बिंतल गांव से पहुंचे जागरी शिवेंद्र कुकरेती के सानिध्य में हरीश भारद्वाज और सहायकों ने अपने डौंर-थाली की थाप शुरू कर सबसे पहले भगवान गणेश की स्तुति की। इसके बाद उन्होंने माता भगवती, नरसिंह देवता, भैरों देवता, गुरु गोरखनाथ और हनुमान के जागर गाए।

जैसे ही उन्होंने माता का जागर गाया तो महिलाओं पर माता अवतरित हुईं और नाचने लगी। इसके बाद गोरखनाथ और हनुमान के जागरों में कई लोगों पर एक साथ देवता अवतरित हुए। भैरों और नरसिंह देवता के पश्वा जलते अंगारों पर नाचे और जलते अंगारों को चबाना शुरू कर दिया। देवताओं का रूप देखकर लोगों ने उनपर गंगाजल छिड़कर शांत किया।

श्रद्धालुओं ने प्रकट हुए देवी देवताओं से सुख शांति और समृद्धि की कामना की। महोत्सव के दौरान जागरों के बीच अंगारों पर बाबा का प्रसाद सवामन का रोट पकाया गया। मंदिर के बाबा सुनील बुड़ाकोटी ने पूजा-अर्चना के साथ रोट में सिद्धबाबा का त्रिशूल लगाया और उसे काटा। पहला रोट सिद्धबली बाबा को चढ़ाया और उसके बाद श्रद्धालुओं में बांटा। वहीं महोत्सव के संयोजक और उद्योगपति अनिल कंसल ने भंडारा लगाया।

हनुमान की भक्ति से मिलता है, ज्ञान, वैभव और राजपाट : महामंडलेश्वर यतिंद्रानंद गिरी
सिद्धपीठ श्री सिद्धबली महोत्सव के तीसरे दिन महामंडलेश्वर स्वामी यतिंद्रानंद गिरी महाराज सिद्धबली महोत्सव में पहुंचे और दर्शन किए। उन्होंने मुख्य कार्यक्रम स्थल पर आकर हिंदी भजन संध्या का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि हनुमान ही संसार के ऐसे देवता हैं जिनका उपासक बनकर भक्त को ज्ञान, वृद्धि, वैभव और राजपाट समेत सभी चीजों की प्राप्ति होती है। कहा कि मंदिर में बैठकर एक माला का जप, घर में बैठकर किए हजारों माला के जप के बराबर पुण्य प्रदान करता है। कहा कि उत्तराखंड देवताओं की जागृत भूमि है और यहां कण-कण में भगवान विराजमान है। यदि लोग नशा, मांस और मदिरा के सेवन से दूर रहें और भगवान के बताए मार्ग पर चलें, तो उनका जीवन तो सफल होगा ही। साथ ही उनके बच्चे भी संस्कारवान बन सकेंगे।

श्री सिद्धबली धाम की, जय बोलो हनुमान की…

हिंदी भजन संध्या में सारेगामापा लिटिल चैंप्स एवं राइजिंग स्टार फेम हेमंत बृजवासी एंड ब्रदर्स के भजनों की प्रस्तुति पर श्रद्धालु देर शाम तक झूमे। उन्होंने जय राधे, राधे…भजन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने आज सुन मोरी श्री हनुमान जी…, श्री राम मेरे हैं…, बजरंगी प्यारे का सारे जग में डंका बाजे…, श्री सिद्धबली धाम की, जय बोलो हनुमान की…, कजरारे तेरे मोटे-मोटे नैन, नैनन में श्याम समाए…, ओ भोले…, भोले की बरात…, श्री राम जानकी हमारे सीने में…. आदि भजनों की प्रस्तुतियां दीं जिस पर भक्त जमकर झूमे। इस मौके पर अजय बृजवासी, हुकुम बृजवासी, होशियार बृजवासी, शिवम शर्मा, प्रकाश शर्मा आदि सहयोग प्रदान किया।

उमड़ी भीड़, तीन लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
सिद्धबली महोत्सव के दौरान जागर सुनने के लिए सुबह ही मंदिर में लोगों की भीड़ जुट गई थी। कई लोगों को बैठने के लिए जगह तक नहीं मिल पाई और उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा। इस तीन दिवसीय महोत्सव में करीब तीन लाख श्रद्धालुओं ने सिद्धबली के दर्शन किए।

महोत्सव के दौरान यू-ट्यूब ब्लॉगर और वीडियो बनाने की होड़ से भी अव्यवस्थाएं रहीं। वहीं महोत्सव में सुबह से ही भीड़ को देखते हुए पुलिस मुस्तैद रही। भीड़ को देखते हुए ऑटो वाहनों को गिवईं स्रोत पुल के पास रोक दिया, जिसके कारण पुलिंडा तिराहे से लेकर सिद्धबली मंदिर तक सड़क श्रद्धालुओं से खचाखच भरी रही।

वहीं, ग्रास्टनगंज में उद्यान विभाग कार्यालय के समीप तिराहे पर बैरिकेडिंग कर वाहनों को रोक दिया गया। मंदिर समिति की ओर से बहुत अधिक पास जारी किए जाने से पुलिस को व्यवस्था बनाने में दिक्कतें आईं। एक ही पास पर कई लोग दो पहिया वाहनों और कार में घूमते नजर आए। मंदिर समिति के अध्यक्ष डॉ. जेपी ध्यानी ने बताया कि महोत्सव में करीब तीन लाख श्रद्धालुओं ने सिद्धबली के दर्शन किए।

Check Also

केरल की तरह उत्तराखंड भी बनेगा आयुर्वेद का हब

केरल की तर्ज पर उत्तराखंड को भी आयुर्वेद का हब बनाने के लिए सरकार की …