केंद्र सरकार की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान और इंजीनियरिंग क्षेत्र में बेटियों का परचम लहराने के लिए आईआईटी में उनकी संख्या बढ़ाने की मुहिम रंग लाई है। जेईई एडवांस्ड-2023 के मेरिट स्कोर के आधार पर सभी 23 आईआईटी में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में 3422 सीटों पर (करीब 19.7 फीसदी) बेटियों ने दाखिला लिया है।
इसमें से 11 बेटियों ने ओपन मेरिट से सीट हासिल की है। इन छात्राओं ने ऑल इंडिया रैंक की मेरिट में जगह बनाई है। खास बात यह है कि दिव्यांग वर्ग में कुल 857 सीट में से सिर्फ 261 ही आवंटित हो सकी हैं।
आईआईटी गुवाहाटी ने बुधवार को जेईई एडवांस्ड 2023 की वार्षिक रिपोर्ट जारी कर दी है। इसके मुताबिक, 23 आईआईटी में सत्र 2023-24 के लिए 17385 सीट (लड़कियों की सुपर न्यूमेरी सीट यानी अतिरिक्त सीट ) उपलब्ध थी। इसमें से 17,340 सीट अलॉट की गई हैं।
इसमें 75 ओसीआई ओर चार विदेशी मूल के छात्रों को भी सीट अलॉट हुई है। रिपोर्ट में सबसे अच्छा पहलु यह है कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बेटियों का रुझान बढ़ रहा है। कुल 43,596 छात्राओं ने जेईई एडवांस्ड 2023 के लिए पंजीकरण किया था। इसमें से 7509 छात्राओं ने दुनिया की सबसे कठिन मानी जाने वाली जेईई एडवांस्ड 2023 की परीक्षा क्वालिफाई की थी।
आईआईटी हैदराबाद जोन की नायकंती नागा भाव्या श्री ने महिला टॉपर के साथ ऑल इंडिया 56वीं रैंक हासिल की थी। इस प्रकार 3422 बेटियों ने मेरिट के आधार पर आईआईटी में सीट हासिल की थी। इसमें से 3411 बेटियों को गर्ल्स सुपर न्यूमेरी सीट मिली और 11 छात्राओं ने ओपन मेरिट से सीट हासिल की थी।
हालांकि, वर्ष 2022 में 20.6 फीसदी बेटियों को आईआईटी में दाखिला मिला था। वहीं, इस वर्ष विभिन्न कारणों से जेईई एडवांस्ड और दाखिले को लेकर सुप्रीम कोर्ट व अन्य अदालतों में 59 केस लंबित हैं। जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 42 का था।
टॉपर संस्थान पहली पसंद हर वर्ष की भांति इस बार भी इंजीनियरिंग छात्रों की पहली पसंद केंद्र सरकार की एनआईआरएफ रैंकिंग (नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) और अंतरराष्ट्रीय क्यूएस रैंकिंग में भारत में टॉपर संस्थान हैं। जेईई एडवांस्ड 2023 के टॉप 100 स्कोर वाले छात्रों के करीब 65 से अधिक छात्रों ने आईआईटी बॉम्बे को चुना है। जबकि आईआईटी दिल्ली में 20 से अधिक और अन्य ने आईआईटी मद्रास को चुना है। हालांकि, पिछले सालों के मुकाबले दाखिले के रुझानों में अंतर आया है। अब टॉपर्स आईआईटी बॉम्बे के बाद आईआईटी दिल्ली को प्राथमिकता के साथ चुन रहे हैं।
40 फीसदी से अधिक लिखने में दिक्कत के दो छात्रों को दाखिला केंद्र सरकार के नियमों के तहत कुल सीटों में से पांच फीसदी सीट दिव्यांग वर्ग के लिए आरक्षित रहती हैं। इसके तहत कुल 857 सीटों में से 2023 सत्र में 261 सीट अलॉट हुई हैं। इसमें से सामान्य वर्ग में 350 में से 100, ओबीसी की 234 में से 95, ईडब्ल्यूएस की 79 में से 44, एससी की 136 में से 12 और एसटी की 58 में से 10 सीट पर छात्रों ने दाखिला लिया है। करीब 69.5 फीसदी सीट दिव्यांग वर्ग की इस बार खाली रह गई हैं। इसके अलावा लिखने में 40 फीसदी से अधिक दिक्कत वाले 29 छात्रों ने परीक्षा दी। जबकि छह ने क्वालिफाई किया और सिर्फ दो छात्रों को ही सीट मिल सकी है।
बेटियों की पहली पसंद हैदराबाद तो दूसरा दिल्ली जोन इस रिपोर्ट के मुताबिक, आईआईटी हैदराबाद जोन में सबसे अधिक बेटियों को सीट अलॉट हुई है। यहां पर विभिन्न आईआईटी में 1140 सीट अलॉट हुई हैं। जबकि आईआईटी दिल्ली जोन दूसरे नंबर के साथ 661 छात्राओं ने अपना भरोसा जताया है। वहीं, आईआईटी बॉम्बे जोन तीसरे नंबर के साथ 582 सीट, चौथे स्थान पर आईआईटी खड़गपुर जोन में 363 छात्राओं और पांचवें स्थान पर आईआईटी कानपुर जोन में 302 छात्राओं को सीट मिली है। इसके अलावा आईआईटी रुड़की जोन में 269 छात्रों को जगह मिली है। सबसे कम संख्या आईआईटी गुवाहाटी जोन की है। यहां पर सिर्फ 105 छात्राओं ने दाखिला लिया है।
सामान्य वर्ग की 75 सीटें अप्रवासी भारतीयों को मिलीं आईआईटी में इस बार 75 सीट अप्रवासी भारतीय (ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया) को अलॉट हुई है। सभी 75 सीटें सामान्य वर्ग के छात्रों की थी। इस कारण सामान्य वर्ग के छात्रों को इन सीटों का नुकसान हुआ है। पहली बार अदालत के निर्देश पर आईआईटी में अप्रवासी भारतीयों को सामान्य वर्ग की सीट अलॉट की गई हैं। आईआईटी बॉम्बे जोन में सबसे अधिक 39 और आईआईटी हैदराबाद जोन में 23 ओसीआई को सीट मिली है।