उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में कोहरे और शीतलहर की वजह से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। ठंड के साथ कोहरे और नमी की वजह से अब हवा भी जहरीली हो गई है। देहरादून में वायु प्रदूषण बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया है। हवा में प्रदूषण का स्तर दीपावली से भी बुरी हालत में पहुंच गया है।
देहरादून में एक जनवरी 2023 को एक्यूआई(एयर क्वालिटी इंडेक्स) 290 व 31 दिसंबर 2022 को 308 दर्ज किया गया, जो क्रमश: खराब और बेहद खराब श्रेणी में आता है। इसके सापेक्ष दीपावली पर उत्तराखंड में औसत एक्यूआई 247 था। दून अस्पताल में टीबी एंड चेस्ट विभाग के एचओडी डॉ.अनुराग अग्रवाल के मुताबिक, सर्दियों में नमी और कोहरे की वजह से हवा भारी हो जाती है।
ऐसे में हवा ऊपर उठने के बजाय जमीन के आसपास ही बनी रहती है। इस हवा में धूल और धुएं के कण घूमते रहते हैं और सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर सांस के रोगियों की परेशानी बढ़ा देते हैं।
बीते सप्ताह की स्थिति
तारीख एक्यूआई स्तर
एक जनवरी 290 खराब
31 दिसंबर 308 बेहद खराब
30 दिसंबर 185 मध्यम
29 दिसंबर 304 बेहद खराब
28 दिसंबर 233 खराब
27 दिसंबर 284 खराब
26 दिसंबर 228 खराब
25 दिसंबर 245 खराब
ओपीडी-इमरजेंसी में 30 फीसदी मरीज बढ़े
दून अस्पताल, कोरोनेशन अस्पताल समेत कई निजी अस्पतालों में सांस और दिल के मरीजों में 30% की वृद्धि हो गई है। दून अस्पताल की इमरजेंसी के प्रभारी डॉ. मुकेश उपाध्याय और कोरोनेशन के ईएमओ डॉ.मनीष शर्मा ने बताया कि रात में इमरजेंसी में दिल और सांस के 20 से 30 मरीज आ रहे हैं। इन्हें ऑक्सीजन देनी पड़ती है। डीएमएस डॉ.धनंजय डोभाल ने बताया कि मेडिसन, टीबी एंड चेस्ट
विभाग और कॉर्डियोलॉजी की ओपीडी में भी मरीज 30 फीसदी तक बढ़ गए हैं।
अगर हो जाए दिक्कत तो ऐसे करें बचाव
फिजीशियन डॉ.अंकुर पांडेय और डॉ.कुमार जी कौल के मुताबिक वायु प्रदूषण की वजह से जुकाम होना और सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन, खांसी, गले में इंफेक्शन, अस्थमा, फेफड़ों की समस्या हो सकती है। ऐसे में घर से बाहर निकलते समय हमेशा मुंह पर मास्क का उपयोग करें। आंखों पर चश्मा लगाएं। बच्चों एवं बुजुर्गों को घर से बाहर न जाने दें। उनकी दवाओं को नियमित जारी रखें। एक मास्क का कई बार प्रयोग न करें। इससे वायरस और कई तरह के इंफेक्शन फैलने वाले बैक्टीरिया की चपेट में आ सकते हैं।