छत्तीसगढ़: कांग्रेस सरकार के चार साल पूरे होने पर गौरव दिवस बनाने की आयोजन, पढ़े डिटेल
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नीत सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 17 दिसंबर को छत्तीसगढ़ गौरव दिवस का आयोजन किया जाएगा। जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार के कार्यकाल का चार साल पूरा होने पर 17 दिसंबर को छत्तीसगढ़ गौरव दिवस का आयोजन किया जाएगा। आइए एक नजर डालते हैं उन कार्यक्रमों पर जो 17 दिसंबर को पूरे राज्य में आयोजित किए जाएंगे।
इस दिन राज्य के सभी गौठानों, सहकारी सोसायटी परिसरों, धान खरीदी केंद्रों, तेंदूपत्ता संग्रहण केन्द्रों, वनोपज प्रबंधन समितियों के कार्यालय स्थलों, सभी जिलों में संचालित हाट-बाजारों और नगरीय क्षेत्रों के वार्डों में कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य की जनता के नाम संदेश भी देंगे। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के सभी गौठानों में 17 दिसंबर को सुबह 11 बजे किसानों, गौठान समिति के अध्यक्ष और सदस्यों, पशुपालकों, भूमिहीन मजदूरों, जनप्रतिनिधियों, स्थानीय निकायों के सदस्यों, राजीव युवा मितान क्लब के सदस्यों और स्थानीय निवासियों को आमंत्रित किया जाएगा तथा उन्हें चार साल में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से हासिल की गई उपलब्धियों के बारे में बताया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि दोपहर बाद तीन बजे प्राथमिक सहकारी सोसायटी परिसर और धान खरीदी केन्द्रों पर किसानों को आमंत्रित कर शासन की कृषि संबंधी प्रमुख योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। राज्य के वन क्षेत्रों में इसी दिन सुबह 11 बजे तेंदूपत्ता संग्रहण केन्द्रों और वनोपज प्रबंधन समिति के कार्यालय स्थलों पर भी किसानों और मजदूरों के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। साथ ही सभी जिलों में संचालित हाट बाजार स्थलों में भी लोगों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि नगरीय क्षेत्रों में वार्ड स्तर पर सुबह 11 बजे से कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इनमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों और वार्ड के निवासियों को आमंत्रित कर उन्हें चार साल की उपलब्धियों से अवगत कराया जाएगा। भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने 17 दिसंबर, 2018 को कामकाज शुरू किया था। सरकार बनने के दो घंटे के भीतर ही ढाई हजार रुपए प्रति कुंतल की दर से धान खरीदी, किसानों का कर्ज माफ करने और सिंचाई कर माफ करने जैसे वादों को पूरा किया गया था।