डीएसपी प्रमोद मिश्रा को ईडी ने इस मामले में भेजा दूसरा समन, पढ़े पूरी ख़बर
झारखंड पुलिस मुख्यालय में पोस्टिंग के लिए प्रतीक्षारत डीएसपी प्रमोद मिश्रा को ईडी ने दूसरा समन भेज दिया है। मंगलवार की शाम ईडी ने डीएसपी प्रमोद मिश्रा का नोटिस पुलिस मुख्यालय भेज दिया। इस बार उन्हें 15 दिसंबर की सुबह 11 बजे रांची के ईडी कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है।
इससे पहले ईडी ने छह दिसंबर को प्रमोद मिश्रा को नोटिस भेजकर 12 दिसंबर को उपस्थित होने का समन भेजा था। इस मामले में डीजीपी कार्यालय ने भी प्रमोद मिश्रा को उपस्थित होने का निर्देश दिया था, लेकिन 12 दिसंबर को वह एजेंसी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। प्रमोद मिश्रा ने सरकार के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी में जाने का हवाला देते हुए ईडी के समक्ष हाजिर नहीं होने की बात कही थी।
बगैर अनुसंधान रिपोर्ट का आरोप
प्रमोद मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने बगैर अनुसंधान महज 24 घंटे में बरहरवा टोल प्लाजा केस में सुपरविजन रिपोर्ट निकाल मंत्री आलमगीर आलम और मुख्यमंत्री के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का नाम केस से बाहर कर दिया था, जबकि इस मामले में शेष आठ आरोपियों पर कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट में ईडी की जांच पर दायर किया गया है एसएलपी
झारखंड हाईकोर्ट ने 6 दिसंबर को ठेकेदार शंभु नंदन भगत के द्वारा टोल प्लाजा केस की जांच सीबीआई से कराने के मामले में आईए दायर करते हुए ईडी को परिवादी बनाने की मांग की थी। झारखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद ईडी को परिवादी बनाते हुए 24 घंटे में हाईप्रोफाइल आरोपियों को क्लीनचिट देने पर सवाल उठाया था। इस मामले में हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले को झारखंड सरकार के एसएलपी में गैरकानूनी बताया गया है।
टोल प्लाजा का केस मामूली टेंडर मैनेज करने से जुड़ा था
एसएलपी में यह कहा गया है कि बरहरवा टोल प्लाजा का केस मामूली टेंडर मैनेज करने से जुड़ा केस था, लेकिन इस मामले में पुलिस जांच में क्लीनचिट मिलने के दो साल बाद ईडी ने प्रिडिकेटिव ऑफेंस का केस दर्ज किया है। पुलिस अनुसंधान के मामले में ईडी के हस्तक्षेप को गलत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख झारखंड सरकार ने किया है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी में ये जानकारी दी
सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने दो साल बाद मामले में ईडी को परिवादी बनाया है। जबकि इस मामले में दो साल पहले ही पुलिस अनुसंधान पुरा हो चुका है, साथ ही केस में ट्रायल भी चल रहा है