नई दिल्ली। एअर इंडिया ने एयरएशिया इंडिया के अधिग्रहण का प्रस्ताव दिया है और टाटा के स्वामित्व वाली इस एयरलाइन ने इसके लिए प्रतिस्पर्धा आयोग से मंजूरी मांगी है.
टाटा संस ने कॉम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) से मांगी गई मंजूरी में कहा है कि प्रस्तावित संयोजन से प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में कोई बदलाव नहीं होगा या भारत में प्रतिस्पर्धा पर कोई उल्लेखनीय प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.
टाटा ग्रुप की एविएशन बिजनेस के लिए बड़ी पहल
टाटा ग्रुप एक पूर्ण विमानन सेवा विस्तारा का संचालन भी करती है जो सिंगापुर एयरलाइंस के साथ जॉइंट वेंचर में जारी है. टाटा ग्रुप अब एयर एशिया को भी अपने एविएशन बिजनेस के तहत लाना चाहता है और इस सेगमेंट को मजबूती देना चाहता है.
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सीसीआई के पास दायर एक नोटिस में कहा गया है कि प्रस्तावित संयोजन एअर इंडिया लिमिटेड (एआईएल) द्वारा एयरएशिया (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड की पूरी इक्विटी शेयर पूंजी अधिग्रहण करने से जुड़ा हुआ है. ऐसा करने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि एक तय सीमा से ज्यादा हिस्सेदारी वाले सौदों के लिए सीसीआई की मंजूरी लेना जरूरी है.
एयर इंडिया का स्वामित्व टाटा के पास
एअर इंडिया और इसकी सहायक इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस को पिछले साल टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने अपने हाथों में लिया है.
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जानें एयर एशिया को एयरएशिया इंडिया ने जून 2014 में उड़ानें शुरू की थीं और कंपनी देश में हवाई यात्री सेवाएं, एयर कार्गो परिवहन और चार्टर उड़ानें उपलब्ध करा रही है.
एयर एशिया इंडिया की 83.67 फीसदी हिस्सेदारी टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड के पास है और बाकी हिस्सेदारी मलेशिया के एयरएशिया ग्रुप का हिस्सा एयर एशिया इंवेस्टमेंट लिमिटेड (एएआईएल) के पास है. फिलहाल, दोनों कंपनियां साथ में इसका ऑपरेशन कर रही हैं. यह कंपनी किसी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान का हिस्सा नहीं है.