लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कोरोना वायरस को लेकर लखनऊ में टीम-9 के अधिकारियों के साथ बैठक की। उच्च अधिकारियों के साथ बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल का हर हाल में अनुपालन जरूरी है। बता दें कि देश में कोरोना की चौथी लहर की आशंका विशेषज्ञों ने जताई है।
136 मरीज स्वस्थ हुए, 371 सक्रिय केस
यूपी में बीते 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित 40 नए मरीज मिले। वहीं 136 रोगी स्वस्थ हुए हैं। अब सक्रिय केस घटकर 371 रह गए हैं। संक्रमण अब तेजी से घट रहा है। 1.18 लाख लोगों की और कोरोना जांच की गई। अब तक कुल 10.77 करोड़ लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा चुका है। देश में सबसे ज्यादा कोरोना जांच यूपी में की गई है। अभी तक कुल 20.70 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और उसमें से 20.46 लाख रोगी स्वस्थ हो चुके हैं। अब रिकवरी रेट 98.8 प्रतिशत रह गया है। संक्रमण दर लगातार घट रही है।
अब संक्रमण दर 0.03 प्रतिशत है। कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लि ए 80 हजार निगरानी कमेटियों की मदद से बाहर से आ रहे लोगों की निगरानी की जा रही है। मेडिकल टीमों की मदद से कोरोना के लक्षण वाले रोगियों की पहचान कर उनका टेस्ट कराया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 17.35 करोड़ लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जा चुकी है। होम आइसोलेशन यानी घर पर रहकर कोरोना का इलाज करा रहे रोगियों की निगरानी रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) की मदद से की जा रही है।
यूपी में आधे से अधिक पात्र लोगों ने लगवाई कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज
उत्तर प्रदेश में 13.01 करोड़ लोग अब तक कोरोना से बचाव के लिए टीके की दोनों डोज लगवा चुके हैं। अभी 12 वर्ष से अधिक उम्र के कुल 16.94 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है और इसमें से 77 प्रतिशत वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके हैं।
अगर कुल आबादी 24 करोड़ के हिसाब से आंकलन किया जाए तो 54.2 प्रतिशत लोगों दोनों डोज लगवाकर कोरोना के खिलाफ अपना सुरक्षा चक्र मजबूत कर चुके हैं। राज्य टीकाकरण अधिकारी डा. अजय घई ने बताया कि टीकाकरण अभियान में यूपी शुरुआत से ही अव्वल चल रहा है। यहां अब तक कुल 16.61 करोड़ लोगों ने टीके की पहली और उसमें से 13.01 करोड़ ने दोनों डोज लगवा ली है।
कोविड प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश
◆ आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। 29 करोड़ 93 लाख से अधिक कोविड टीके की डोज लगाने और 10 करोड़ 78 लाख से अधिक सैम्पल की जांच करने वाला एकमात्र राज्य उत्तर प्रदेश है। 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 354 कोविड मरीज उपचाराधीन हैं। अन्य राज्यों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश की स्थिति बहुत संतोषप्रद है।
◆ प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के हर नागरिक को टीका लग चुका है। 83% से अधिक पात्र वयस्क टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। 15-17 आयु वर्ग के लगभग 93℅ किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है और 24 लाख पात्र लोगों को प्री-कॉशन डोज भी मिल चुकी है। 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों में से 07 लाख 19 हजार बच्चों को टीकाकवर मिल चुका है। इसे सतत जारी रखा जाए। 12-14 आयु वर्ग का टीकाकरण तेज किया जाए।
◆ विगत 24 घंटों में 01 लाख 30 हजार कोरोना टेस्ट किए गए, जिसमें मात्र 34 नए कोरोना पॉजिविट पाए गए। इसी अवधि में 49 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। कोरोना की हार तय है। सभी जिलों में इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर संचालित रखा जाए। ताकि किसी भी जरूरत पर लोग सीधा संपर्क कर सकें।
◆ कोरोना के बीच देश के कई राज्यों में अस्पतालों में आग लगने की दुःखद घटना घटी। यह हमारी चाक-चौबंद व्यवस्थाओं का ही परिणाम था कि प्रदेश में ऐसी दुर्घटना नहीं हुई। एक बार पुनः प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों/अस्पतालों में फायर सेफ्टी की व्यवस्था की भौतिक समीक्षा की जाए। जहां कमी/गड़बड़ी हो, वहां तत्काल व्यवस्था ठीक की जाए। यह काम अभियान के रूप में तत्काल किया जाना चाहिए।
◆ प्रदेश सरकार सभी तहसीलों में फायर टेंडर की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 15 मिनट और शहरी क्षेत्र में अधिकतम 07 मिनट का रेस्पॉन्स टाइम सुनिश्चित किया जाए।
◆ हाल ही में कराए गए सीरो सर्विलांस के परिणाम बताते हैं कि तीसरी लहर के बाद लोगों में एंटीबॉडी की स्थिति पहले से काफी बेहतर हुई है। वैक्सीनेशन काफी उपयोगी सिद्ध हुआ है। यह सुनिश्चित किया जाए कि एक भी प्रदेशवासी कोविड टीकाकवर से वंचित न रहे।
◆ एग्रेसिव टेस्टिंग और ट्रेसिंग, त्वरित ट्रीटमेंट और तेज टीकाकरण की नीति के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। उत्तर प्रदेश के कोविड प्रबंधन की आज विभिन्न वैश्विक संस्थाएं सराहना कर रही हैं। 2020 मार्च में जब पहला कोविड केस मिला था, तब हमारे पास टेस्टिंग की सुविधा नहीं थी। हमें एनआईवी पुणे में सैम्पल की जांच करानी पड़ी थी। मरीज को दिल्ली भेज कर भर्ती कराना पड़ा था। आज हमारे सभी 75 जिलों में सैम्पल की जांच हो रही है। हर जिले में अस्पतालों की सुविधा में अभूतपूर्व सुधार किया गया है। उत्तर प्रदेश में चार संस्थानों में जीनोम सिक्वेंसिंग किया जा रहा है। इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर, वैक्सीनेशन का क्लस्टर मॉडल, निगरानी समिति जैसे हमारे प्रयास आज चहुंओर सराहना प्राप्त कर रहे हैं।