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Yogi Adityanath: सरकार बनने के बाद ऐक्शन में योगी 2.0 सरकार, कोरोना को लेकर उच्चाधिकारियों को दिए गए दिशा-निर्देश

लखनऊः उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कामकाज संभाल लिया है। इसके साथ ही कोरोना के खिलाफ लड़ाई को भी तेज कर दिया है। उत्तर प्रदेश में हालांकि, कोरोना के मामले काफी कम हो गए हैं और राज्य में महामारी को लेकर सभी तरह के प्रतिबंधों को हटा लिया गया है लेकिन फिर भी सरकार इसे लेकर काफी सतर्क दिखाई दे रही है। यही कारण है कि नई सरकार संभालते ही योगी आदित्यनाथ ने 9 लोगों की नई टीम बनाई है। इसे लेकर उन्होंने बुधवार को पहली बैठक भी की है।

मुख्यमंत्री जी द्वारा उच्चाधिकारियों को दिए गए दिशा-निर्देश

◆ 4 अप्रैल से श्रावस्ती से स्कूल चलो अभियान की शुरुआत होगी। ऐसे में इसको लेकर विभाग सभी तैयारी कर ले। हर बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती हो। बेसिक शिक्षा से जुड़े हर विद्यालय में पेयजल, टॉयलेट, स्मार्ट क्लास और फर्नीचर की व्यवस्था सुनिश्चित करें। इसके साथ ही बच्चों की यूनिफॉर्म और जूते मोजे की व्यवस्था हो। ऑपरेशन कायाकल्प से बेसिक शिक्षा परिषद के सारे विद्यालयों को आच्छादित किया जाए। सभी अध्यापक उन बच्चों के घर जाकर उन बच्चों के परिजनों से मिलकर उन्हें स्कूल आने के लिए प्रेरित करें। स्कूल चलो अभियान में सभी जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाए। सभी विधायकगण एक-एक विद्यालय को गोद जरूर लें। सरकार का प्रयास होगा कि प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय को सभी बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जाए। इसके लिए निजी संस्थाओं, स्कूल के पुराने विद्यार्थियों को अभियान चलाकर जोड़ा जाए। सभी जनपदों में जहां साक्षरता की दर कम है, वहां के विद्यालयों में वृहद स्तर पर अभियान चलाया जाए। शिक्षकों की तैनाती से लेकर बुनियादी सुविधाओं का समयबद्ध अभियान चलाया जाए।

◆प्रदेश सरकार द्वारा 2 अप्रैल को सिद्धार्थ नगर से संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की जा रही है। इसको लेकर विभाग सभी प्रकार की तैयारियों को समय से पूरा कर लें। प्रदेश में आमजन के बेहतर स्वास्थ के लिए इस अभियान के माध्यम से जागरूकता, इलाज और सुविधाओ के उच्चीकरण के साथ साथ स्टाफ की तैनाती को एक अभियान चलाकर गति दी जाए।

◆प्रदेश के सभी जिलों में मरीजों को किसी प्रकार की कोई समस्या न आए। चिकित्सा विभाग इस बात को सुनिश्चित करें। कोई भी मरीज इलाज के बिना अस्पताल से वापस ना जाए। अस्पतालों में फुल ओपीडी की व्यवस्था को सुनिश्चित करें।

◆प्रदेश के सभी जिलों में लाभार्थियों को स्मार्टफोन और लैपटॉप का वितरण की तैयारियों को तेज किया जाए। यह सुनिश्चित करें कि सभी जिलों में माननीय सांसदगण और विधायकगणों की मौजूदगी में छात्र-छात्राओं को लैपटॉप और स्मार्टफोन वितरित किया जाए।

◆ समस्याओं के निस्तारण की जवाबदेही तय हो। लेटलतीफी अथवा एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टालने की प्रवृत्ति स्वीकार नहीं की जाएगी। कैबिनेट के समक्ष विभागीय प्रस्तुतियां सम्बंधित माननीय मंत्री द्वारा ही किया जाएगा, विभागीय अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव केवल सहायतार्थ उपस्थित होंगे।

◆ प्रदेश के सभी विभागाध्यक्ष गण अपने अधीनस्थ कार्यालयों का औचक निरीक्षण करें। कार्यालयों में स्वच्छता, निस्तारित होने के लिए लंबित फाइल की स्थिति, जन शिकायतों के निस्तारण की स्थिति, कार्मिकों की उपस्थिति, समयबद्धता आदि की वस्तुस्थिति का परीक्षण किया जाए।

◆ कोरोना के कारण विगत दो शैक्षिक सत्र प्रभावित रहे हैं। भौतिक पठन-पाठन नहीं हो सका। अतः आगामी सत्र की शुरुआत से पूर्व ‘स्कूल चलो अभियान’ को वृहद स्वरूप दिया जाना आवश्यक है। विभागीय मंत्री के परामर्श से अभियान के संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली जाए। एक भी बच्चा स्कूल से वंचित न रहे।

◆ व्यवस्था की पारदर्शिता और अभिभावक की सुविधा के दृष्टिगत बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में बच्चों के गणवेश आदि के लिए धनराशि सीधे अभिभावक के बैंक खाते में भेजे जाने की व्यवस्था की गई है। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चे निर्धारित गणवेश में ही विद्यालय आएं।

◆ गेहूं खरीद की प्रक्रिया 01 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी क्रय केंद्र पर किसानों को समस्या न हो, भंडारण गोदाम हो या क्रय केंद्र, हर जगह गेहूं की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं। प्रत्येक दशा में किसानों को एमएसपी का लाभ मिलना ही चाहिए। सभी क्रय केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ गेहूं खरीद कराई जाए। किसान को अपनी उपज बेचने में कोई असुविधा न हो। किसानों की उपज का समयबद्ध ढंग से भुगतान कर दिया जाए।

◆ प्रदेश में निवेश कर रहीं औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है। ऐसे सभी प्रकरणों की गहन समीक्षा कर यथाशीघ्र यथोचित समाधान किया जाए।

◆ प्रतिवर्ष आग लगने के कारण गेहूं की फसल जलने की दुःखद घटनाएं होती हैं। इस संबंध में सुरक्षा के आवश्यक उपाय किये जाने चाहिए। फसल बीमा योजना से कवर किसानों के अलावा यदि किसी किसान की फसल बिजली के तार गिरने/आग लगने से जलती है तो उसे भी मंडी समिति के माध्यम से नियमानुसार मुआवजा दिया जाए।

◆ गर्मी का समय शुरू हो गया है। अतः सभी 75 जिलों में जलापूर्ति की सुविधा का परीक्षण कर लिया जाए। सभी हैंडपंप क्रियाशील रहें। इस हेतु संबंधित विभाग व संस्थाओं द्वारा तत्काल कार्य किया जाए।

● शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए संचालित ‘हर घर नल योजना’ अंतर्गत पाइपलाइन डाली जा रही है। जहां पाइपलाइन डाली जा चुकी है, वहां बरसात से पहले पाइपलाइन के लिए खोदे गए गड्ढों को भर दिया जाए, ताकि लोगों को असुविधा न हो।

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