नई दिल्ली। कर्नाटक में रविवार देर रात बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या करने का मामला सामने आया है. दरअसल कल कर्नाटक के शिवमोगा जिले में 26 साल के बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या होने के बाद तनाव बढ़ गया है. घटना रात के 9 बजे घटी.
हिजाब विवाद से जोड़कर देखा जा रहा मामला
मिली जानकारी के अनुसार, विक्टिम का नाम हर्षा है. वहीं पुलिस की माने तो शुरुआती जांच में इसे हिजाब विवाद से भी जोड़कर देखा जा रहा है. जांच के दौरान पता चला की हर्षा ने हाल ही में अपने फेसबुक प्रोफाइल पर हिजाब के खिलाफ और भगवा शॉल के समर्थन में पोस्ट लिखी थी.
कर्नाटक के गृह मंत्री ने कही ये बात
इस घटना पर कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा, 4-5 युवकों के समूह ने एक 26 साल के युवक की हत्या कर दी. मुझे नहीं पता कि, इस हत्या के पीछे किसी संगठन का हाथ है.
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स्कूल और कॉलेज को दो दिनों के लिए बंद
फिलहाल शिवमोगा में कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए एहतियात के तौर पर शहर के सभी स्कूल और कॉलेज को दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है.
बता दें कि, हिजाब विवाद कर्नाटक के उडुपी से शुरू होकर अब पूरे देश में फैल चुका है. सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक, कई बड़े नेता से लेकर आम जनता तक, इस विवाद पर अपनी राय रख रहे हैं.
मामले की जांच में जुटी पुलिस
वहीं दूसरी तरफ हिजाब विवाद के शुरू होने के साथ बजरंग दल भी इस मामले में काफी एक्टिव हो गया और लगातार सोशल मीडिया समेत सभी जगह शिक्षण संस्थानों में हिजाब ना पहनने का समर्थन कर रहा है. ऐसे में हर्षा की लिखी पोस्ट और इस घटना को आपस में जोड़ा जा रहा है. हालांकि, पुलिस अभी इस पर कुछ भी बोलने से बच रही है.
एक तरफ जहां कर्नाटक में हिजाब विवाद को लेकर माहौल पहले से ही चनाव पूर्ण था ऐसे में बजरंग दल की एक कार्यकर्ता की हत्या के बाज लोगों के बीच डर की स्थिति बनी हुई है. वहीं इस मामले में फिलहाल जांच जारी है और जिले की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
क्या है हिजाब विवाद ?
हिजाब विवाद की शुरुआत पिछले महीने उडुपी गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की कुछ छात्राओं के हिजाब पहनकर कॉलेज परिसर में जाने पर हुई थी, जिन्हें कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी गई. कॉलेज के अधिकारियों का कहना है कि जो छात्रा पहले बिना हिजाब के आती थीं, वे अब अचानक से हिजाब में आने लगी हैं.
बाद में छात्राओं ने बिना हिजाब के कक्षाओं में जाने से इनकार करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. यह मुद्दा एक विवाद बन गया और कर्नाटक के अन्य जिलों के साथ ही अन्य प्रदेशों में भी इस मुद्दे को उठाया जा रहा है. इसकी वजह से तनाव बना हुआ है और यहां तक कि हिंसा भी हो चुकी है.