लखनऊ, विभु त्रिपाठी। कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी चुनाव में 40 फीसदी महिला उम्मीदवारों को टिकट देने का ऐलान करके अन्य दलों, खासकर भाजपा और सपा के लिए बड़ा संकट खड़ा कर दिया है।
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दरअसल, 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने के प्रियंका के मास्टरस्ट्रोक बाद अब यह सवाल अहम हो गया है कि, कौन सी पार्टी, कितने फीसद महिलाओं को चुनावी रण में उतारेगी।
अन्य राजनैतिक दलों के लिए बढ़ी मुश्किल
कांग्रेस के लिए 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देना आसान है, क्योंकि अभी उसकी सात सीटों को छोड़कर सारी सीटें खाली हैं, लेकिन अन्य राजनैतिक दलों के लिए यह मुश्किल है कि, अपने मौजूदा विधायकों में से कितनों के टिकट काटकर महिलाओं को देंगे।
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जनता में भाजपा के प्रति विश्वास बढ़ा
हालांकि, भारतीय जनता पार्टी यही मानकर चल रही है कि, महिलाओं के हित मे चलाई गई केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं से आधी आबादी के मन में भाजपा के प्रति विश्वास बढ़ा है।
पीएम और सीएम योगी ने महिलाओं के हित के बारे में सोचा
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि, कांग्रेस ने सिर्फ परिवार की महिलाओं को ही आगे बढ़ाने का काम किया है जबकि कांग्रेस के गढ़ अमेठी में स्मृति ईरानी ने खुद संघर्ष करके राहुल गांधी को हराया। उन्होंने कहा कि, महिलाओं के हित में अगर किसी ने सोचा है तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोचा है।
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प्रियंका ने राजनैतिक दलों के समीकरणों को बिगाड़ा
वहीं वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद गोस्वामी की मानें तो, उत्तर प्रदेश की राजनीति में धर्म और जातियों का प्रभाव रहा है, लेकिन प्रियंका ने 40 फीसदी महिला उम्मीदवारों को उतारने का ऐलान करके अन्य राजनैतिक दलों के समीकरणों को बिगाड़ दिया है।
उन्होंने कहा कि, सभी राजनैतिक पार्टियों पर अब यह दबाव होगा कि, वे महिला उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारें, और अगर ऐसा नहीं करते हैं, तो कांग्रेस पार्टी उन्हें महिला विरोधी बताकर इसका राजनैतिक लाभ लेगी।