नई दिल्ली. किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को लेकर पंजाब सरकार ने बड़ा फैसला किया है. राज्य सरकार ने इन किसानों के परिवार में से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने का फैसला किया है.
साथ ही एक महीने के अंदर किसानों के वारिसों को नियुक्ति पत्र सौंपने का वादा किया है. इसके लिए किसानों के परिवारों की सूची भी बनाई गई है.
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मृतक किसानों के परिजनों की 5 लाख की मदद
राज्य सरकार के उप मुख्यमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा की ओर से कहा गया केंद्र द्वारा पास किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे संघर्ष के दौरान अपनी जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को पंजाब सरकार की ओर से प्रति किसान 5 लाख रुपए दिए गए हैं.
मृतक किसानों के वारिसों को नौकरी
हालांकि अब इससे और आगे बढ़कर सरकार किसानों के एक-एक पारिवारिक सदस्य को सरकारी नौकरी देने जा रही है. इसकी तैयारियां कर ली गई हैं. इसके लिए 165 किसानों के वारिसों की सूची तैयार की गई है. जिन्हें ये नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे. फिलहाल दो लोगों को नियुक्ति पत्र देकर इसकी शुरुआत बठिंडा से की गई है. आने वाले दिनों में राज्य सरकार इन परिवारों को घर-घर जाकर नियुक्ति पत्र सौंपेगी.
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दो दिनों के अंदर लिस्ट तैयार करने के निर्देश
वहीं अमृतसर और तरन तारन के तीन मृतक किसानों का नाम सूची में शामिल न किए जाने का मुद्दा उठाए जाने पर उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को हिदायत की कि आने वाले दो दिनों के अंदर इन नामों को वित्तीय सहायता और नौकरी देने के लिए सूची में शामिल करने के लिए औपचारिक कार्यवाही की जाए.
किसानों पर दर्ज मामले होंगे वापस
इसके साथ ही किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग को लेकर स्पष्ट किया कि पंजाब सरकार द्वारा दर्ज 105 मामलों में से 60 केस वापस ले लिए गए हैं और बाकी बचे केस जल्द वापस ले लिए जाएंगे. वहीं रेलवे पुलिस द्वारा दर्ज केस केंद्र सरकार के अधीन हैं ऐसे में उनके लिए केंद्र सरकार को लिखकर मांग की जाएगी.
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