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बरेली: पुराने शहर की 13 व्यावसायिक इमारतें बीडीए के रडार पर

बरेली में करीब चार से पांच बड़े कांप्लेक्स समेत स्कूल, मैरिज हॉल व व्यावसायिक बिल्डिंगों का अवैध रूप से निर्माण किया गया है। इसकी शिकायतों पर विकास प्राधिकरण की टीम मौका मुआयना कर रही है।

बरेली में अवैध निर्माण की शिकायतों के आधार पर पुराने शहर की लगभग 13 इमारतें बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) के रडार पर आ गई हैं। इन इमारतों में स्कूल, मैरिज हॉल व व्यावसायिक बिल्डिंगें शामिल हैं। बीडीए अब इनके भवन स्वामियों को अवैध निर्माण दुरुस्त कराने या फिर शमन कराने के लिए नोटिस जारी करने जा रहा है। समय से निर्माण दुरुस्त न होने या शमन न कराने पर ध्वस्तीकरण की चेतावनी भी दी जा रही है।

बीडीए अधिकारियों के अनुसार प्राधिकरण की स्वीकृति के बिना ही पुराने शहर में करीब चार से पांच बड़े कांप्लेक्स समेत स्कूल, मैरिज हॉल व व्यावसायिक बिल्डिंगों का अवैध रूप से निर्माण किया गया है। इसकी शिकायतों पर प्राधिकरण की टीम मौका मुआयना कर रही है। इनके अलावा भी कई गलत ढंग से बने प्रतिष्ठानों पर बीडीए की नजर है।

अधिकारियों के मुताबिक पुराने शहर के सैलानी, मुन्ना खां का नीम, मीरा की पेठ और पीलीभीत बाइपास रोड पर बनी कई बिल्डिंगें अवैध हैं। अगर इन बिल्डिंगों का शमन होता है तो बीडीए को पुराने शहर से करीब 100 करोड़ राजस्व में मिलेगा।

महायोजना 2031 पर हम अधिक ध्यान दे रहे: उपाध्यक्ष

बीडीए के उपाध्यक्ष मनिकंडन ए ने कहा है कि पुराने शहर के अवैध निर्माण हमारी हिट लिस्ट में हैं। इसमें कई व्यावसायिक बिल्डिंग, कॉम्प्लेक्स व स्कूल शामिल हैं। कई स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा हो रहा है। नोटिस भेजने की कवायद शुरू हो गई है। महायोजना 2031 की ओर भी प्राधिकरण अधिक ध्यान हैं। पुराने शहर से गुजरने वाले पीलीभीत बाइपास रोड पर कई बिना बीडीए से स्वीकृत भवन हैं। उनको भी शमन कराने का नोटिस भेजा जा रहा है। निश्चित तौर पर सभी पर कार्रवाई की जाएगी।

कौन जिम्मेदार, इसकी भी होगी जांच

पुराने शहर गड़बड़ बनीं इमारतों के अलावा कई नए निर्माण भी गलत ढंग से होने की सूचना बीडीए को मिल रही है। ऐसे में ये अवैध निर्माण रोकने के लिए जिम्मेदार अभियंताओं की भी जवाबदेही तय की जाएगी। जो निर्माण हो चुके हैं और बीडीए की बिना स्वीकृति के हुए हैं, उनके निर्माण के समय किन अधिकारियों व कर्मचारियों ने ढिलाई बरती, इसकी भी जांच चल रही है।

शिकायतों और बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर स्कूलों पर विशेष निगाह

पुराने शहर में बने कई स्कूलों के खतरनाक होने की शिकायतें भी बीडीए के पास आ रही हैं। मानकों के विपरीत गलियों में सीबीएसई व यूपी बोर्ड के स्कूल चलाए जा रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक एक स्कूल तो ऐसा है जिसमें दो फिट जगह बचाने के लिए ऊपरी मंजिल के छज्जे पर ही नई दीवार खड़ी कर कक्षाएं बना दी गई हैं। इससे बच्चों की जान के साथ आसपास के मकानों और दुकानों पर भी खतरा बढ़ गया है।

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