यूपी पुलिस में अति महत्वपूर्ण माने जाने वाले लिपिकीय संवर्ग के पदों को आउटसोर्सिंग के जरिये भरने पर मंथन हो रहा है। हालांकि बाद में डीजीपी मुख्यालय ने इस पत्र को त्रुटिपूर्ण बताते हुए वापस ले लिया है।
पुलिस में अति महत्वपूर्ण माने जाने वाले लिपिकीय संवर्ग के पदों को आउटसोर्सिंग के जरिये भरने पर मंथन हो रहा है। इसमें सहायक उपनिरीक्षक (लिपिक), सहायक उपनिरीक्षक (लेखा) और उपनिरीक्षक (गोपनीय) जैसे संवेदनशील कार्य वाले पद शामिल हैं। डीजीपी मुख्यालय की स्थापना शाखा ने सभी शाखाओं के डीजी एवं एडीजी से इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर उनकी राय व रिपोर्ट मांगी है। यह पत्र पुलिस बुधवार को तमाम शाखाओं में भेजा गया है। सूत्रों की मानें तो कुछ शाखाओं ने पुलिस के कार्यों की गोपनीयता और संवेदनशीलता को देखते हुए अपनी रिपोर्ट में इसे खारिज कर दिया है।
स्थापना शाखा की पत्र में कहा गया है कि सहायक उपनिरीक्षक (लिपिक), सहायक उपनिरीक्षक (लेखा) के कर्मियों द्वारा कार्यालय में आवंटित कार्य वितरण के अनुसार अलग-अलग प्रकृति के जैसे इंडेक्स, चरित्र पंजिका, रिकॉर्ड कीपिंग, आंकिक शाखा में वेतन, टीए आदि कार्य किए जाते हैं। वहीं उपनिरीक्षक (गोपनीय) द्वारा पुलिस अधिकारियों के गोपनीय कार्यालय में पत्राचार आदि कार्य किया जाता है। इन सभी पदों पर सीधी भर्ती के माध्यम से भर्ती किए जाने की व्यवस्था प्रचलित है। पुलिस विभाग के कार्यों में हो रही लगातार वृद्धि के मद्देनजर लिपिकीय संवर्ग में स्वीकृत पदों के अतिरिक्त वर्तमान में विभाग की तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सहायक उपनिरीक्षक (लिपिक), सहायक उपनिरीक्षक (लेखा) एवं उपनिरीक्षक (गोपनीय) के पदों पर आउटसोर्सिंग के माध्यम सेवाएं लेने पर विचार करना प्रस्तावित है।
डीजीपी मुख्यालय ने कहा पत्र त्रुटिपूर्ण
संवेदनशील पदों पर भर्ती को लेकर जारी पत्र को त्रुटिपूर्ण बताते हुए डीजीपी मुख्यालय ने वापस ले लिया है। देर रात डीजीपी ने बताया कि आउटसोर्सिंग के संबंध में एक पत्र त्रुटिवश जारी हो गया है। पुलिस विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग की वयवस्था पूर्व से चल रही है। इसी के संबंध में पत्र जारी किया जाना था जो कि त्रुटिवश मिनिस्टीरियल स्टाफ के लिए जारी हो गया। ऐसा कोई प्रस्ताव पुलिस विभाग और शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है। यह पत्र गलत जारी हो गया है जिसे निरस्त कर दिया गया है।
ऐसा प्रस्ताव विचार में नहीं
यह लिपिकीय त्रुटि का मामला प्रतीत होता है। पुलिस में लिपिकीय संवर्ग में सीधी भर्ती होती है। फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। -संजय सिंघल, एडीजी, स्थापना