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लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में चुनाव के दौरान भारतीय छात्र के खिलाफ नफरती अभियान शुरू

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुराणा का जन्म पुणे में हुआ था। सुराणा ने कुछ महीने बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की और फिर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में एलएलएम के लिए दाखिला ले लिया। इस साल सुराणा का एमएलएम खत्म हो जाएगा।

लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में छात्र संघ चुनाव हो रहे हैं। मैं भी चुनाव में खड़ा हो रहा हूं। वोटिंग से ठीक 12 घंटे पहले बहुत ही सुनियोजित तरीके से मेरे खिलाफ अभियान चलाया गया। मुझे उन्होंने इधर-उधर से कुछ करके भाजपा से जोड़ दिया। मुझे फासीवादी बताया गया। मेरे खिलाफ यहां नफरती अभियान चलाया जा रहा है…यह आरोप है सत्यम सुराणा का। सुराणा वही भारतीय छात्र है, जिसने पिछले साल ब्रिटेन में स्थित भारतीय उच्चायोग पर हुए चरमपंथी हमलों को चुनौती देते हुए सड़क से तिरंगा उठाया था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुराणा का जन्म पुणे में हुआ था। सुराणा ने कुछ महीने बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की और फिर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में एलएलएम के लिए दाखिला ले लिया। इस साल सुराणा का एमएलएम खत्म हो जाएगा।

मेरे पोस्टर फाड़े जा रहे हैं
मामले की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि फरवरी और मार्च की शुरुआत में एलएसई चुनाव घोषित किए गए थे। मैंने महासचिव पद के लिए नामांकन दाखिल किया है। 14-15 मार्च को मैंने देखा कि मेरे पोस्टर फाड़े जा रहे हैं। मैंने अधिकारियों से शिकायत की। पोस्टर बदल दिए गए लेकिन थोड़ी देर बाद उन पोस्टर पर मेरे चेहरे पर क्रॉस का निशान बना हुआ था। इसमें लिखा था कि सत्यम के अलावा कोई भी। 17 मार्च की दोपहर एलएसई के सभी ग्रुप्स में एक संदेश था, जिसमें दावा किया गया कि सत्यम भाजपा समर्थक है। वह फासीवादी व्यक्ति है। वह इस्लामोफोबिक है। वह ट्रांसफोबिक है। कट्टरपंथियों ने सोशल मीडिया से मेरे कुछ पोस्टों का भी स्क्रीनशॉट ले लिया, जिसके बुनियाद पर वे मुझे फासीवादी कह रहे हैं।

अब जीतने के चांस कम हुए
सत्यम ने बताया कि मेरे घोषणा पत्र में कोई भी राजनीतिक मुद्दा नहीं था। मेरे पास सिर्फ परिसर के वास्तविक मुद्दे थे। शुरुआत में मुझे जबरदस्त समर्थन मिला। लेकिन अब इन सभी चीजों से मेरे जीतने के चांस कम हो गए। मैं अपनी पूरी टीम के साथ हर विभाग में गया। मैंने पूरा परिसर घूमा। मेरे घोषणापत्र में कहा गया है कि कैसे चीजों में सुधार की जरूरत है, जैसे एलएसई परिसर में सब्सिडी वाले भोजन की व्यवस्था, शिकायत निवारण पोर्टल की आवश्यकता आदि। हमें समर्थन मिल रहा था और लोग कह रहे थे कि वे मुझे वोट देंगे। लेकिन मुझे उन्होंने टार्गेट किया। मेरी पूरी टीम हैरान है।

 

 

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