नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने देश दुनिया में हाहाकार मचा रखा है. अब इस महामारी से उत्तरी कोरिया भी अछूता नहीं रहा. ताजा खबर नॉर्थ कोरिया से आ रही है जहां पर कोरोना का पहला केस मिला है.
वहां की मीडिया के मुताबिक जब कोरोना पूरी दुनिया में आतंक मचा रहा था उस समय इस देश में एक भी केस नहीं था लेकिन तब इस महामारी के खिलाफ जंग तेज हो गई और इसकी दवाइयां दुनिया भर में बंट गईं. तब इस देश में पहला केस सामने आया. कोरोना का पहला केस सामने आने के बाद किम जोंग उन ने पूरे देश में इमरजेंसी लगा दी है.
महामारी से सख्ती से पेश आया जाए
स्थानीय मीडिया के मुताबक किम जोंग उन ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि इस महामारी से सख्ती से पेश आया जाए. किम जोंग उन के मुताबिक उनका लक्ष्य इस संक्रमण को पूरी तरह से खत्म करना है. इमरजेंसी लगाने के साथ साथ उन्होंने लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने का आदेश भी जारी किया है.
उत्तरी कोरिया में नहीं हुआ टीकाकरण
पूरी दुनिया जब इस कोरोना की महामारी से परेशान थी तब टीकाकरण का अभियान चलाया गया और सभी लोगों को टीके लगाए गए लेकिन उत्तरी कोरिया ऐसा देश हैं जहां टीकाकरण हुआ ही नहीं है. उत्तरी कोरिया में कोरोना ओमिक्रोन के बीए.2 सब वेरिएंट का पता लगा है.
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अभी इस महामारी से कितने लोग ग्रसित हैं इसका खुलासा नहीं किया गया है. उत्तर कोरिया की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारे इमरजेंसी क्वारंटीन फ्रंट में सेंध के बाद देश में सबसे बड़ा आपातकालीन संकट खड़ा हो गया है. इस महामारी ने फरवरी 2020 के बाद से 2 साल 3 महीने तक लोगों को सुरक्षित रखा.
देश में घुसने पर लगा दिया था प्रतिबंध
उत्तर कोरिया ने इससे पहले दावा किया था कि उसके देश में कोविड-19 का एक भी मामला सामने नहीं आया है. कोरोना वायरस फैलने के बाद उसने अपनी सभी सीमाएं बंद कर दी थीं और करीब दो साल तक सभी व्यापारियों तथा पर्यटकों के देश में आने पर प्रतिबंध लगा दिया था.
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परमाणु हथियार एवं मिसाइल कार्यक्रम के कारण पहले ही अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे देश की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस संबंधी प्रतिबंधों के कारण और संकट में आ गई थी.