लखनऊ। योगी सरकार 2.0 की शुरुआत से ही विभिन्न क्षेत्रों के लिए विकास के मानक और लक्ष्य तय कर लिए गए हैं। औद्योगिक विकास को अपने शासन की प्राथमिकता में रखने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बार उद्योग की रीढ़ कहे जाने वाले सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के निर्यात के लक्ष्य को अगले पांच वर्ष में दोगुणा करने का लक्ष्य रखा है।
सरकार ने उद्योगों के विकास के लिए तमाम योजनाएं तय की
इसके लिए एमएसएमई पार्क और फ्लैटेड फैक्ट्री के निर्माण जैसे बुनियादी ढांचे को खड़ा करने की शुरुआत अगले सौ दिन में ही हो जानी है। योगी सरकार ने 2017 में जब प्रदेश की सत्ता संभाली, तब उद्योगों के विकास के लिए तमाम योजनाएं और कार्यक्रम तय किए।
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इसी के तहत एमएसएमई सेक्टर के लिए एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना शुरू की। इसके जरिये छोटे छोटे इलाकों के भी पारंपरिक व अनूठे उत्पादों को प्रोत्साहन मिला। उनका कारोबार बढ़ा और ऋण व कौशल विकास सहित निर्यात के लिए भी सरकार ने सहयोग किया।
पिछले पांच वर्षों में एमएसएमई से होने वाले निर्यात में 41% की वृद्धि
इसी का परिणाम रहा कि पिछले पांच वर्षों में एमएसएमई से होने वाले निर्यात में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2017-18 में निर्यात का आंकड़ा 88,967 करोड़ रुपये था, जो बढ़कर 2021-22 (जनवरी 2022 तक) में 125,903.76 करोड़ हो गया है। इसके इस वर्ष के अंत तक डेढ़ लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
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सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि प्रदेश का निर्यात अगले दो वर्षों में दो लाख करोड़ रुपये और पांच वर्षों में दोगुणा करके तीन लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इन्हीं प्रयासों के तहत प्रदेश में छह एमएसएमई पार्क स्थापित किए जाने है।
पांच करोड़ रोजगार के अवसर तैयार होंगे
कानपुर में मेगा लेदर क्लस्टर और बैंकों के सहयोग से एमएसएमई क्षेत्र को ऋण वितरण बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये करना भी शामिल है। अधिकारियों का आकलन है कि, इससे पांच करोड़ रोजगार के अवसर तैयार होंगे।
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प्रदेश सरकार अगले 100 दिनों में आगरा, कानपुर और गोरखपुर में तीन फ्लैटेड फैक्ट्री, अलीगढ़ में एक मिनी औद्योगिक क्षेत्र के साथ साथ संतकबीर नगर और चंदौली में जनसुविधा केंद्रों का शिलान्यास करने जा रही है।
औद्योगिक बुनियादी ढांचे में सुधार कार्य शुरू किया जाएगा
इसके अलावा फर्रुखाबाद और तालकटोरा (लखनऊ) में औद्योगिक बुनियादी ढांचे में सुधार कार्य भी शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की लागत 25 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये की जा रही है। पिछले दिनों विभागीय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुतीकरण में अपने लक्ष्य और कार्ययोजना प्रस्तुत की।
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यह भी बताया कि, विभाग का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत पांच लाख और एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत 1.5 लाख कारीगरों को टूल किट वितरित करते हुए ऋण की सुविधा देना है। आठ लाख करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने और ओडीओपी उत्पादों की बिक्री दोगुणा करने का भी लक्ष्य रखा गया है।