नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने छह वकीलों और दो न्यायिक अधिकारियों को पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है।
सीएम पुष्कर धामी ने किया ISBT देहरादून का औचक निरीक्षण, बसों पर चढ़कर यात्रियों से की बात
बता दें कि, गुरुवार को हुई कॉलेजियम की बैठक में बिहार न्यायिक सेवा के दो अधिकारियों और 6 वकीलों को तरक्की देकर पटना हाईकोर्ट में नियुक्त करने की मंजूरी दी गई है. अब सरकार से इसकी मंजूरी मिलने का इंतजार है.
नवनीत पांडेय और सुनील पवार को जज बनाने की सिफारिश
जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने नवनीत कुमार पांडेय और सुनील कुमार पवार को पटना हाईकोर्ट में जज बनाए जाने की सिफारिश की है.
ताजनगरी आगरा के आईजी रेंज नवीन अरोरा बने फरियादियों के हीरो
इन वकीलों को भी पटना HC का जज नियुक्त करने की सिफारिश
इन दो न्यायिक सेवा के अधिकारियों के अलावा 6 वकीलों को भी पटना हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफारिश की है. इनमें खतीम रेजा, संदीप कुमार, अंशुमान पांडेय, पूर्णेंदु सिंह, सत्यव्रत वर्मा और राजेश कुमार वर्मा के नाम शामिल हैं.
कॉलेजियम ने पिछले हफ्ते ही तीन अलग-अलग हाईकोर्ट से तीन जजों का तबादला पटना हाईकोर्ट में जज के तौर पर करने की सिफारिश की थी और गुरुवार को भी 8 नाम जज के लिए भेज दिए गए हैं.
पटना हाईकोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या 53 है
इस तरह कुल 11 नामों को सरकार की मंजूरी के पास भेज दिया गया है. अगर इन सभी को मंजूरी मिल जाती है तो पटना हाईकोर्ट में जजों की संख्या 19 से बढ़कर 30 हो जाएगा. हालांकि, ये संख्या तब भी तय संख्या से कम रहेगी. पटना हाईकोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या 53 है.
बलिया : करोड़ों का चावल घोटाला, आजमगढ़ RFC की कार्रवाई से राईस मिलरों में हड़कंप
पटना हाईकोर्ट में जजों की कमी
पटना हाईकोर्ट में जजों की संख्या लगभग आधी है. जजों की किल्लत की वजह से ही पटना हाईकोर्ट में पेंडिंग केस भी बढ़ते जा रहे हैं. मौजूदा समय में यहां 56 लाख से ज्यादा मामले सालों से पेंडिंग हैं. इनमे से 86 फीसदी मुकदमे साल भर से लेकर चार साल से ज्यादा समय से पेंडिंग हैं.
जबकि 20 फीसदी मुकदमे यानी 12 लाख से ज्यादा केस 5 से 10 साल पुराने हैं. और 17 फीसदी यानी करीब 10 लाख केस की सुनवाई दस से बीस साल से अटके हैं.
राहत भरी खबर : पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण में आई गिरावट- WHO