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Subsidy Expenses: कोरोना महामारी में मोदी सरकार ने खोला खजाना, सब्सिडी पर खर्च किए इतने रुपये

नई दिल्ली। कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से देश में बहुत कुछ बदल गया है.मार्च 2020 में कोरोना की दस्तक के बाद सरकार को लॉकडाउन लगाना पड़ा था. ऐसे में देश के कमजोर आर्थिक वर्ग के लोगों पर इसका सबसे ज्यादा असर दिखा था. करोड़ों प्रवासी मजदूर अपने गांवों को लौटना को मजबूर हो गए.

ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार ने लोगों की मदद के लिए अपने खजाने खोल दिए थे. सरकार ने करोड़ों रुपये अलग-अलग सब्सिडी के लिए खर्च किए हैं जिससे लोगों को राहत मिल सके.

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वित्त वर्ष 2021-2022 के आंकड़ों के मुताबिक सरकार ने लोगों को सब्सिडी और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए करीब 6.18 लाख रुपये आम जनता पर खर्च किए हैं. इसमें सबसे ज्यादा पैसे सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना के जरिए लोगों को मुफ्त राशन देने पर खर्च किए हैं.

इसके साथ ही सरकार ने किसानों और मजदूरों को की मदद पीएम किसान सम्मान निधि योजना और ई-श्रम कार्ड योजना के जरिए भी पैसे उनके खातों में ट्रांसफर किए हैं. बता दें कि इससे पहले सरकार ने वित्त वर्ष 2020-2021 में 63 प्रतिशत कम सब्सिडी पर खर्च किए थें.पिछले साल सरकार ने करीब 5.52 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थें.

PMGKAY योजना पर खर्च किए इतने रुपये

कोरोना महामारी शुरू होने के बाद सरकार ने संक्रमण को रोकने के लिए मार्च 2020 में लॉकडाउन लगाने का फैसला किया था. इसके बाद देश की सभी वित्तीय एक्टिविटी रूक गई थी. इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार भी हो गए थे. प्रवासी मजदूर अपने घरों को वापस लौटने के मजबूर हो गए थे. ऐसे में देश के गरीब और कमजोर तबके की मदद के लिए करीब 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने की सुविधा शुरू की.

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इस योजना का नाम था प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना (PMGKAY). इस योजना के जरिए देश के करोड़ों लोगों को हर महीने चावल, गेंहू, दाल आदि जैसे कई राशन मुफ्त में देती है. सरकार ने इस योजना की समय सीमा को बढ़ाकर इस साल के सितंबर तक कर दिया. वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर 2.17 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

लोगों के खातों में डालें इतने रुपये

एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में 783 करोड़ ट्रांजेक्शन डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के किए थे जो वित्त वर्ष 2020-21 में केवल 603 करोड़ ट्रांजेक्‍शन था. ऐसे में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर में भी करीब 99 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है.

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