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ओम बिरला बने दूसरी बार लोकसभा स्‍पीकर

भाजपा नेता और लोकसभा अध्‍यक्ष रह चुके ओम बिरला आज यानी बुधवार को लगातार दूसरी स्‍पीकर चुने गए हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ओम बिरला को उनके आसन तक लेकर गए। इसी के साथ बिरला दूसरी बार लोकसभा अध्‍यक्ष बनने वाले नेता बलराम जाखड़ जीएम बालयोगी और पीए संगमा की सूची में शामिल हो गए।

भाजपा सांसद ओम बिरला आज यानी बुधवार को लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बन गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव सदन में रखा तो वहां मौजूद सदन के सदस्यों ने उन्हें ध्वनि मत से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ओम बिरला को उनके आसन तक लेकर गए।

भाजपा नेता ओम बिरला दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनने वाले नेता बलराम जाखड़, जीएम बालयोगी और पीए संगमा की सूची में शामिल हो गए। अगर ओम बिरला अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर लेते हैं तो बलराम जाखड़ के बाद ऐसा करने वाले दूसरे नेता होंगे। दूसरी बार कई नेता लोकसभा अध्यक्ष बनें, लेकिन पूरे 5-5 साल के कार्यकाल पूरे नहीं कर पाए। सिर्फ बलराम जाखड़ ने ही साल 1980 से 1985 और 1985 से 1989 तक अपने दोनों कार्यकाल पूरे किए।

कौन हैं ओम बिरला?

लोकसभा चुनाव 2024 में ओम बिरला कोटा की संसदीय सीट से सांसद चुने गए हैं। राजस्थान के कोटा शहर में 4 दिसंबर, 1962 को जन्मे ओम बिरला लीक से हटकर काम करने के लिए जाने जाते हैं। बिरला की मां का नाम शकुंतला देवी और पिता का नाम कृष्ण बिरला है। उनकी पत्नी अमिता बिरला पेशे से चिकित्सक हैं।

उन्होंने राजस्थान से ही पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद कृषि के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर काम करने लगे। छात्र राजनीति से संघ और राजनीति में आए तो तीन बार विधायक और तीसरी बार सांसद चुने गए। इसी के साथ कई रिकॉर्ड भी उन्होंने अपने नाम किए। लोकसभा स्पीकर बनने वाले राजस्थान के पहले सांसद हैं।

ओम बिरला कब चर्च में आए?

ओम बिरला राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव थे। इस दौरान उन्होंने गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी थी। इतना ही नहीं, उन्‍होंने 2004 की बाढ़ के दौरान भी पीड़ितों की जमकर मदद की। साल 2006 में ओम बिरला सुर्खियों में उस वक्त आए, जब उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर कोटा और बूंदी में आयोजित ‘आजादी के स्वर’ कार्यक्रम में 15 हजार से अधिक अधिकारियों को सम्मानित किया था।

छात्र राजनीति से राजनीति तक का सफर

वह 1979 में ही छात्र राजनीति में खासा सक्रिय हो गए थे। बिरला कोटा के गुमानपुरा स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में चुने गए थे। इसके बाद में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में प्रधान सदस्य के तौर पर शामिल हो गए।

साल 1987 में बिरला ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्य बने और जल्द ही जिला अध्यक्ष बन गए। चार साल पूरे होने से पहले वह भाजपा युवा मोर्चा के राज्य अध्यक्ष बन गए। इस पद पर उन्होंने महीने से ज्‍यादा वक्‍त तक कार्यभार संभाला।

इसके बाद भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड नई दिल्‍ली और फिर राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड जयपुर (जून 1992 से जून 1995) तक अध्यक्ष बने रहे।

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