नई दिल्ली। देश के किसानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई सौगात दी है. पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फसल की 35 विशेष किस्में देश के किसानों को समर्पित की हैं.
कृषि और विज्ञान के तालमेल का निरंतर बढ़ते रहना जरूरी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, कृषि और विज्ञान के तालमेल का निरंतर बढ़ते रहना 21वीं सदी के भारत के लिए बहुत जरूरी है.
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किसानों से जुड़ी हर जरूरत सरकार की प्राथमिकता
आज इसी से जुड़ा एक और अहम कदम उठाया जा रहा है. देश के आधुनिक सोच वाले किसानों को समर्पित किया जा रहा है. खेती और किसानों से जुड़ी हर जरूरत सरकार की प्राथमिकता है.
पोषण युक्त बीजों पर हमारा फोकस बहुत अधिक- पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि, छोटे-छोटे किसानों की जिंदगी में बदलाव की आशा के साथ ये सौगात में आज कोटि-कोटि किसानों के चरणों में समर्पित कर रहा हूं.
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बीते 6-7 सालों में साइंस और टेक्नॉलॉजी को खेती से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया जा रहा है. विशेष रूप से बदलते हुए मौसम में, नई परिस्थितियों के अनुकूल, अधिक पोषण युक्त बीजों पर हमारा फोकस बहुत अधिक है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, हमारे यहां उत्तर भारत मं घाघ और बटुरी की कृषि संबंधी कहावतें बहुत लोकप्रिय रही है. घाघ ने आज से कई शताब्दी पहले कहा था- जेते गहिरा जोतै खेत, परे बीज फल तेतै देत.
यानि खेत की जुताई जितनी गहरी की जाती है, बीज बोने पर उपज भी उतनी ही अधिक होती है. आज 35 और नई फसलों की वैरायटी देश के किसानों के चरणों में समर्पित की जा रही हैं.
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ये बीज जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से खेती की सुरक्षा करने और कुपोषण मुक्त भारत के अभियान में बहुत सहायक होने वाला हमारे वैज्ञानिकों की खोज का परिणाम है.
देश की कृषि और किसानों की आय बढ़ाने में मिलेगी सहायता- पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि, छत्तीसगढ़ के National Institute of Biotic Stress Management के तौर पर देश को वैज्ञानिक काम के लिए नया संस्थान मिला है.
ये संस्थान मौसम और अन्य परिस्थितियों के बदलाव से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने में देश के प्रयासों को वैज्ञानिक सहायता देगा. यहां से जो वैज्ञानिक तैयार होंगे, जो समाधान तैयार होंगे, वो देश की कृषि और किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होंगे.
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पीएम मोदी ने कहा कि, पिछले साल से कोरोना से लड़ाई के बीच में हमने देखा है कि कैसे टिड्डी दल ने भी अनेक राज्यों में बड़ा हमला कर दिया था. भारत ने बहुत प्रयास करके तब इस हमले को रोका था, किसानों का ज्यादा नुकसान होने से बचाया था.
नई फसलों की वैरायटी मौसम की कई तरह की चुनौतियों से निपटने में सक्षम तो है ही, इनमें पौष्टिक तत्व भी ज्यादा है. इनमें से कुछ वैरायटी कम पानी वाले क्षेत्रों के लिए औ कुछ फसल गंभीर रोगों से सुरक्षित है.
अलग-अलग परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई हैं फसलें
पीएम मोदी ने बताया कि, कुछ जल्दी तैयार हो जाने वाली है, कुछ खारे पानी में भी हो सकती है. यानि देश की अलग-अलग परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इन्हें तैयार किया गया है.
किसानों को पानी की सुरक्षा देने के लिए, हमने सिंचाई परियोजनाएं शुरू कीं, दशकों से लटकी करीब-करीब 100 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का अभियान चलाया. फसलों को रोगों से बचाने के लिए, ज्यादा उपज के लिए किसानों को नई वैरायटी के बीज दिए गए.
पीएम ने कहा कि, खेती-किसानी को जब संरक्षण मिलता है, सुरक्षा कवच मिलता है, तो उसका और तेजी से विकास होता है. किसानों की जमीन को सुरक्षा देने के लिए, उन्हें अलग-अलग चरणों में 11 करोड़ सॉयल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं.
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MSP में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ हमने खरीद प्रक्रिया में भी सुधार किया ताकि अधिक-से-अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके. रबी सीजन में 430 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेंहूं खरीदा गया है. इसके लिए किसानों को 85 हजार से अधिक का भुगतान किया गया है.
उन्होंने कहा कि, किसानों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने के लिए हमने उन्हें बैंकों से मदद को और आसान बनाया गया है. आज किसानों को और बेहतर तरीके से मौसम की जानकारी मिल रही है. हाल ही में अभियान चलाकर 2 करोड़ से ज्यादा किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं.