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Shikshak Parv सम्मेलन को पीएम मोदी ने किया संबोधित, कहा- कोरोना में शिक्षकों ने चुनौतियों का समाधान किया

नई दिल्ली। शिक्षक पर्व (Shikshak Parv) के पहले सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. और शिक्षा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहलों का भी शुभारंभ किया.

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कोरोना में शिक्षकों ने चुनौतियों का समाधान किया

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, कोरोना में शिक्षकों ने चुनौतियों का समाधान किया. लेकिन अब शिक्षकों के पास अपनी क्षमताएं आगे बढ़ाने का अवसर है.

शिक्षक पर्व के मौके पर नई योजनाओं का प्रारंभ

पीएम मोदी ने कहा कि, आज शिक्षक पर्व के अवसर पर अनेक नई योजनाओं का प्रारंभ हुआ है. ये initiatives इसलिए भी अहम है, क्योंकि देश अभी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है.

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आज़ादी के 100 साल होने पर भारत कैसा होगा, इसके लिए नए संकल्प ले रहा है. उन्होंने कहा, आप सभी प्रशंसा के पात्र हैं. अब हमें इस भागीदारी को एक नए स्तर तक लेकर जाना है, हमें इसमें समाज को भी जोड़ना है.

एक जीवंत प्लेटफॉर्म की तरह ‘विद्यांजलि 2.0’

पीएम मोदी ने कहा कि, आज एक ओर देश के पास बदलाव का वातावरण है, तो साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसी आधुनिक और भविष्य की नीति भी है.

इसलिए पिछले कुछ समय से देश लगातार एजुकेशन सेक्टर में एक के बाद एक नए निर्णय ले रहा है, एक बड़ा बदलाव होते देख रहा है.

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देश ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के साथ ‘सबका प्रयास’ का जो संकल्प लिया है, ‘विद्यांजलि 2.0’ उसके लिए एक जीवंत प्लेटफॉर्म की तरह है.

जनभागीदारी अब फिर भारत का नेशनल कैरेक्टर बनता जा रहा

पीएम मोदी ने आगे कहा कि, जब समाज मिलकर कुछ करता है, तो इच्छित परिणाम अवश्य मिलते हैं और आपने ये देखा है कि, बीते कुछ सालों में जनभागीदारी अब फिर भारत का नेशनल कैरेक्टर बनता जा रहा है.

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हर खिलाड़ी कम से कम 75 स्कूलों में जाएं

अभी हाल ही में संपन्न हुए टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक में हमारे खिलाड़ियों ने शानदान प्रदर्शन किया. मैंने अपने खिलाड़ियों से अनुरोध किया है कि, आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हर खिलाड़ी कम से कम 75 स्कूलों में जाएं.

‘शिक्षक पर्व-2021’ का विषय “गुणवत्ता और सतत विद्यालय: भारत में विद्यालयों से ज्ञान प्राप्ति” है. यह सम्मलेन न केवल सभी स्तरों पर शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने, बल्कि देश भर के स्कूलों में गुणवत्ता, समावेशी प्रथाओं और स्थायित्व में सुधार के लिए नवीन तौर-तरीकों को प्रोत्साहित करेगा.

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