Break From Work: काम से ब्रेक लेना न केवल मानसिक शांति देता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है. 2017 के एक अध्ययन में पाया गया कि छुट्टियां लेने से तनाव और थकान कम होती है. इसके अलावा, छुट्टियों के दौरान लोग बेहतर नींद लेते हैं
Benefits of Vacation: आज के समय में काम से ब्रेक लेना आसान नहीं है. जब हम छुट्टी पर होते हैं, तब भी हमारे फोन और लैपटॉप हमें व्यस्त रखते हैं. कई बार हम खुद से वादा करते हैं कि छुट्टी के दौरान काम से जुड़े ईमेल या संदेश नहीं देखेंगे, लेकिन ऐसा कर नहीं पाते. यहां तक कि जब हम नए स्थानों पर जाते हैं, तब भी हमारा दिमाग ऑफिस के प्रोजेक्ट्स या लंबित कामों पर केंद्रित रहता है. यह मनोवैज्ञानिक रूप से छुट्टियों का आनंद लेने से रोकता है और तनाव का कारण बन सकता है
डिजिटल मौजूदगी की चुनौती
फोन और लैपटॉप के जरिए हर वक्त ‘डिजिटल मौजूदगी’ की अपेक्षा हम पर हावी रहती है. भले ही नियोक्ता इसे सीधे न कहें, लेकिन यह अनकही अपेक्षा तनाव, चिंता और थकान को बढ़ा सकती है. लगातार जुड़े रहने का दबाव हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है. छुट्टियों के दौरान अपने कार्य उपकरण बंद करके न केवल इन समस्याओं से बचा जा सकता है, बल्कि गैर-कार्य गतिविधियों और रिश्तों का भी बेहतर आनंद लिया जा सकता है.
डिसकनेक्ट का अधिकार और वार्षिक अवकाश
ऑस्ट्रेलिया में ‘राइट टू डिसकनेक्ट’ कानून के तहत कर्मचारियों को काम से दूरी बनाने का कानूनी अधिकार मिला है. इसके बावजूद, अधिकांश लोग अपने वार्षिक अवकाश का पूरा उपयोग नहीं करते. रिपोर्ट्स के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में हर साल कर्मचारियों के पास 16 करोड़ छुट्टियां बची रहती हैं. पांच में से एक कर्मचारी अपनी चार सप्ताह की वार्षिक छुट्टी भी नहीं लेता. यह छुट्टियां काम से दूरी बनाने और जीवन को संतुलित रखने का बेहतरीन तरीका हो सकती हैं
छुट्टियों के स्वास्थ्य लाभ
काम से ब्रेक लेना न केवल मानसिक शांति देता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है. 2017 के एक अध्ययन में पाया गया कि छुट्टियां लेने से तनाव और थकान कम होती है. इसके अलावा, छुट्टियों के दौरान लोग बेहतर नींद लेते हैं, ज्यादा शारीरिक गतिविधि करते हैं और अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देते हैं
फोन और लैपटॉप के जरिए हर वक्त ‘डिजिटल मौजूदगी’ की अपेक्षा हम पर हावी रहती है. भले ही नियोक्ता इसे सीधे न कहें, लेकिन यह अनकही अपेक्षा तनाव, चिंता और थकान को बढ़ा सकती है. लगातार जुड़े रहने का दबाव हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है. छुट्टियों के दौरान अपने कार्य उपकरण बंद करके न केवल इन समस्याओं से बचा जा सकता है, बल्कि गैर-कार्य गतिविधियों और रिश्तों का भी बेहतर आनंद लिया जा सकता है.
ऑस्ट्रेलिया में ‘राइट टू डिसकनेक्ट’ कानून के तहत कर्मचारियों को काम से दूरी बनाने का कानूनी अधिकार मिला है. इसके बावजूद, अधिकांश लोग अपने वार्षिक अवकाश का पूरा उपयोग नहीं करते. रिपोर्ट्स के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में हर साल कर्मचारियों के पास 16 करोड़ छुट्टियां बची रहती हैं. पांच में से एक कर्मचारी अपनी चार सप्ताह की वार्षिक छुट्टी भी नहीं लेता. यह छुट्टियां काम से दूरी बनाने और जीवन को संतुलित रखने का बेहतरीन तरीका हो सकती हैं
काम से ब्रेक लेना न केवल मानसिक शांति देता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है. 2017 के एक अध्ययन में पाया गया कि छुट्टियां लेने से तनाव और थकान कम होती है. इसके अलावा, छुट्टियों के दौरान लोग बेहतर नींद लेते हैं, ज्यादा शारीरिक गतिविधि करते हैं और अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देते हैं
लंबी उम्र का संबंध छुट्टियों से
शोध से यह भी पता चला है कि जो पुरुष अधिक बार छुट्टियां लेते हैं, उनकी मृत्यु दर उन लोगों की तुलना में कम होती है जो ऐसा नहीं करते. छुट्टियां लेने से न केवल मानसिक स्वास्थ्य बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. यह जीवन को लंबे समय तक बेहतर बनाए रखने में मददगार हो सकती हैं.
किस प्रकार की छुट्टियां हैं प्रभावी?
अध्ययन बताते हैं कि एक से दो हफ्ते की छुट्टी लेना सबसे फायदेमंद होता है. इसमें ‘कैंपिंग’ या ‘हाइकिंग’ जैसी गतिविधियों का खास योगदान होता है. हालांकि, छुट्टियों का स्थान या उनका प्रकार आपके बजट और प्राथमिकताओं के अनुसार होना चाहिए. सबसे जरूरी यह है कि छुट्टियां आपको सुकून दें और तनाव कम करें.
छुट्टियां क्यों जरूरी हैं?
शोध यह स्पष्ट करता है कि छुट्टियां लेना हमारी सेहत और खुशहाली के लिए आवश्यक है. अगर आप लंबे समय से छुट्टी पर नहीं गए हैं, तो यह सही समय है कि आप कार्यस्थल से कुछ समय दूर रहें और अपनी मानसिक और शारीरिक सेहत पर ध्यान दें. छुट्टियां न केवल आपको तरोताजा करती हैं बल्कि जीवन को संतुलित और सुखद बनाती हैं.