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Ganga Snan 2024: 15 या 16 नवंबर, कब है गंगा स्नान? जानें तिथि और स्नान-दान का मुहूर्त

Ganga Snan 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करना शुभ माना जाता है। हालांकि इस बार गंगा स्नान की सही तिथि को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। चलिए जानते हैं साल 2024 में 15 नवंबर या 16 नवंबर, किस दिन गंगा स्नान करना शुभ रहेगा।

Ganga Snan 2024: सनातन धर्म के लोगों के लिए कार्तिक माह का विशेष महत्व है। ये मास भगवान विष्णु को समर्पित है। माना जाता है कि कार्तिक के पवित्र माह में आने वाली विशेष तिथि और त्योहार के दिन यदि कोई व्यक्ति सच्चे मन से देवी-देवताओं की उपासना करता है, तो उसे विशेष फल की प्राप्ति होती है। कार्तिक माह में गंगा स्नान और दान करने का भी खास महत्व है। वैसे को किसी भी दिन गंगा स्नान किया जा सकता है, लेकिन खास दिनों में गंगा स्नान करने से साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है।

गंगा स्नान हर साल कार्तिक महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मोक्षदायिनी देवी यानी मां गंगा की पूजा और गंगा स्नान करने से साधक को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। चलिए जानते हैं साल 2024 में किस दिन गंगा स्नान किया जाएगा। साथ ही आपको स्नान-दान के शुभ मुहूर्त के बारे में भी पता चलेगा।

गंगा स्नान कब है?

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार 15 नवंबर 2024 को प्रात: काल 06:19 मिनट से कार्तिक पूर्णिमा तिथि शुरू हो रही है, जिसका समापन अगले दिन 16 नवंबर 2024 को सुबह 02:58 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर 15 नवंबर 2024 को कार्तिक पूर्णिमा यानी गंगा स्नान किया जाएगा।

स्नान-दान का शुभ मुहूर्त क्या है?

15 नवंबर 2024 को स्नान-दान का शुभ मुहूर्त प्रात: काल 04 बजकर 58 से लेकर सुबह 05 बजकर 51 तक है। 15 नवंबर को प्रात: काल 06:44 से लेकर सुबह 10:45 तक सत्यनारायण पूजा का शुभ मुहूर्त है, जबकि देव दीपावली पूजा का मुहूर्त शाम 05:10 से लेकर रात 07:47 तक है।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी पूजन करना भी शुभ माना जाता है, जिसका शुभ मुहूर्त 15 नवंबर को रात 11:39 से लेकर अगले दिन 16 नवंबर को सुबह 12:33 मिनट तक है। 15 नवंबर 2024 को शाम 4 बजकर 5 मिनट पर चंद्रोदय होगा।

गंगा स्नान नहीं कर सकते हैं, तो क्या करें?

यदि किसी वजह से गंगा स्नान के दिन आप किसी पवित्र नदी में सन्ना नहीं कर पाते हैं, तो उस दिन ब्रह्म मुहूर्त में नहाने वाली बाल्टी में गंगाजल की कुछ बूंदे मिला लें। स्नान करने के बाद ग्रहों के राजा सूर्य को जल से अर्घ्य दें। साथ ही माता तुलसी की पूजा करने के साथ पौधे में जल दें।

 

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