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मुम्बई: शिवसेना-यूबीटी का केंद्र सरकार पर वार

शिवसेना-यूबीटी का कहना है कि केंद्र सरकार ने एमटीएनएल और बीएसएनएल को 4जी और 5जी सेवाएं शुरू करने की अनुमति नहीं दी। इससे उपभोक्ताओं को बड़ा नुकसान हुआ है।

शिवसेना- यूबीटी सांसद अरविंद सावंत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने एमटीएनएल और बीएसएनएल को 4जी और 5जी सेवाएं शुरू करने की अनुमति नहीं दी। इससे उपभोक्ताओं को बड़ा नुकसान हुआ है।

शिवसेना-यूबीटी सांसद का केंद्र सरकार पर निशाना
सावंत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 21 मई को एक जारी किया गया एक पत्र साझा किया है। यह पत्र संचार मंत्रालय के सचिव नीरज मित्तल द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को जारी किया गया था। इसमें एमटीएनएल और बीएसएनएल की परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण की बात लिखी गई थी। पत्र में लिखा गया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीएसएनएल और एमटीएनएल को उबारने की योजना को मंजूरी दी है। इस योजना में दोनों कंपनियों की भूमि और जमीनों का मुद्रीकरण भी शामिल है। पत्र में आगे लिखा गया है कि देशभर में बीएसएनएल की संपत्तियां मौजूद हैं। इसके अलावा मुंबई और दिल्ली में एमटीएनएल की जमीनें मौजूद हैं, जिनमें कुछ जमीनें प्रमुख जगहों पर स्थित हैं। पत्र में आगे लिखा है कि इन संपत्तियों को सरकारी विभागों को सीधे बिक्री के माध्यम से खरीदा जा सकता है।

संचार मंत्रालय पर उठाए सवाल
दक्षिणी मुंबई से शिवसेना सांसद सावंत ने पत्र को जारी करने के समय पर सवाल उठाते हुए कहा है कि देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और आदर्श आचार संहिता लागू है। उन्होंने कहा कि संचार मंत्रालय के सचिव से यह सवाल क्यों नहीं पूछा गया कि वह 2019 से क्या कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ये बीएसएनएल और एमटीएनएल को दबाने की कोशिश है। सावंत ने आगे कहा कि संचार मंत्रालय ने बीएसएनएल और एमटीएनएल को 4जी और 5जी सेवाओं पर रोक लगाई है, जिससे उपभोक्ताओं को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।

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