Wednesday , December 18 2024

उत्तर कोरिया ने किया हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण

उत्तर कोरिया ने बुधवार को दावा किया कि उसने मध्यम दूरी की नई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) का सफल परीक्षण किया है। उसने कहा कि देश में विकसित सभी मिसाइलें अब ठोस ईंधन व परमाणु हथियारों की क्षमता के साथ लैस हैं। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के मुताबिक उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने मंगलवार को ह्वासोंग-16 मिसाइल के परीक्षण का मार्गदर्शन किया।

उत्तर कोरिया ने बुधवार को दावा किया कि उसने मध्यम दूरी की नई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) का सफल परीक्षण किया है। उसने कहा कि देश में विकसित सभी मिसाइलें अब ठोस ईंधन व परमाणु हथियारों की क्षमता के साथ लैस हैं। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के मुताबिक, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने मंगलवार को ह्वासोंग-16 मिसाइल के परीक्षण का मार्गदर्शन किया।

यह प्रक्षेपण उत्तर कोरिया द्वारा 14 जनवरी को मध्यम दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल के परीक्षण के लगभग तीन महीने बाद हुआ। समाचार एजेंसी योनहाप ने बताया.कि पिछले महीने उत्तर कोरिया ने हाइपरसोनिक आईआरबीएम के लिए एक ठोस-ईंधन इंजन का परीक्षण किया था।

किम ने ह्वासोंग-16 मिसाइल को “शक्तिशाली व रणनीतिक रूप से आक्रामक हथियार” बताया। केसीएनए के अनुसार, किम ने कहा कि, देश ने “विभिन्न रेंज की सभी मिसाइलों को ठोस-ईंधन के साथ परमाणु हथियार ले जाने के लिए सक्षम बना दिया है।”

केसीएनए ने कहा कि मंगलवार को परीक्षण के दौरान हाइपरसोनिक मिसाइल पूर्वी सागर में एक हजार किलोमीटर की उड़ान भरते हुए अपने लक्ष्य तक पहुंची।

किम ने कहा कि दुश्मनों को रोकने और नियंत्रित करने में सक्षम हथियारों को विकसित करना वर्तमान में हमारे देश के लिए सबसे जरूरी काम है।

गौरतलब है कि उत्तर कोरिया इस साल हथियारों के परीक्षण में तेजी ला रहा है। इसमें समुद्र और जमीन से क्रूज मिसाइलों का प्रक्षेपण और मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर से जुड़े फायरिंग अभ्यास शामिल हैं।

उत्तर कोरियाई नेता ने कहा कि अब उनके देश ने विभिन्न रेंज वाली सभी सामरिक, परिचालन और रणनीतिक मिसाइलों के लिए परमाणु-सक्षम ठोस-ईंधन प्रणाली विकसित कर ली है। उन्होंने ह्वासोंग-16बी मिसाइल को अपने परमाणु युद्ध प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।

उन्होंने अमेरिका, दक्षिण कोरिया के संदर्भ में कहा कि वह अपने दुश्मनों का मुकाबला करने के लिए इसे और उन्नत बनाएंगे। एक दिन पहले दक्षिण कोरिया और जापान की सेनाओं ने उत्तर कोरिया की ओर से मिसाइल लांच का पता लगाया था।

इसके साथ ही एक बार फिर से कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ गया है। ठोस ईंधन आधारित मिसाइलों को जरूरत पड़ने पर तेजी से तैनात किया जा सकता है। इसे एक से दूसरे स्थान तक ले जाना भी आसान होता है। दक्षिण कोरिया और जापान ने चिंता जताते हुए इस कदम की आलोचना की है।

Check Also

सेना मुख्यालय से क्यों हटाई गई 1971 की विक्ट्री पेंटिंग? विवाद पर आर्मी ने तोड़ी चुप्पी

1971 Victory Painting real Location: नई दिल्ली में स्थित सेना मुख्यालय से विक्ट्री पेंटिंग हटाने …