मनोज जरांगे ने बताया कि मराठा कोटा के लिए कानून आने वाला है। अगले 15 दिनों में लोगों को अपने विचार साझा करने के लिए कहा गया है। मराठा कोटा के विशेषज्ञ अपनी राय लिखकर सरकार को भेज सकते हैं।
मराठा आरक्षण के कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने सोमवार को विशेषज्ञों से आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को लिखित में अपने विचार साझा करने की अपील की है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा सभी मांगों को मानने के बाद शनिवार को 40 वर्षीय मनोज जरांगे ने अपना अनिश्चितकालीन हड़ताल खत्म किया था।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि जबतक मराठों को आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक उन्हें अति पिछड़ा वर्ग को मिलने वाला सभी लाभ मिलेगा। महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय के सदस्यों के रक्त सबंधियों को कुनबी की मान्यता देने के लिए एक अधिसूचना जारी की है, जिनके पास कुनबी जाति के रिकॉर्ड पाए गए हैं। उन सभी को कुनबी समुदाय का माना जाएगा। जरांगे सभी मराठों के लिए कुनबी प्रमाण पत्र की मांग कर रहे थे।
विशेषज्ञों से लिखित में विचार साझा करने की अपील
जरांगे ने 20 जनवरी को जालना जिले के अपने पैतृक गांव अंतरवाली सारती से विरोध मार्च निकाला था। उन्होंने वाशी में अपना अनशन शुरू किया। हालांकि राज्य सरकार से मुलाकात के बाद उन्होंने अपना अनशन खत्म किया। सोमवार को अपने घर की तरफ प्रस्थान करने के दौरान जरांगे ने कहा, ‘मराठा कोटा के लिए कानून आने वाला है। अगले 15 दिनों में लोगों को अपने विचार साझा करने के लिए कहा गया है। मराठा कोटा के विशेषज्ञ अपनी राय लिखकर सरकार को भेज सकते हैं। यह मराठा कानून को मजबूत बनाने में मदद करेगा।’
जरांगे ने आगे कहा कि मराठवाड़ा में मराठों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने आगे कहा, ‘मराठवाड़ा के मराठों को भी आरक्षण जरूर मिलेगा। उन्हें तनावमुक्त रहना चाहिए। कुछ गांवों में हमने पाया कि वहां के रिकॉर्ड जला दिए गए हैं।’
मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल ने मुंबई में अपने आधिकारिक आवास पर एक बैठक रखी। इस बैठक में ओबीसी सांसद, विधायक और तहसीलदार शामिल हुए। राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ एक फरवरी को विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।