Tuesday , October 22 2024

ढोल नगाड़ों के साथ निकली बाबा सिद्धबली की शोभायात्रा

कोटद्वार में श्री सिद्धबली बाबा वार्षिक अनुष्ठान महोत्सव के पहले दिन बैंड बाजों और ढोल नगाड़ों के साथ नगर में श्री सिद्धबली बाबा की भव्य शोभायात्रा धूमधाम से निकाली गई। शोभायात्रा को देखने के लिए शहर में भीड़ उमड़ पड़ी। सिद्धबाबा का डोला व अन्य झांकी आकर्षण का केंद्र रहीं। श्रद्धालुओं ने झांकी के दर्शन कर प्रसाद ग्रहण किया।
शुक्रवार शाम को बदरीनाथ मार्ग पर शोभायात्रा का उद्घाटन विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने नारियल फोड़कर किया। इस वर्ष की झांकी में सिद्धबाबा का डोला, गजराज, लड्डू गोपाल की पालकी, दिल्ली की छह यांत्रिक झांकियां, बदांयू से काली का अखाड़ा, संभल से शिव बरात की झांकी, हरिद्वार से परशुराम का अखाड़ा, हनुमान की झांकी, राम-रावण युद्ध की झांकी, ध्यानू भगत की झांकी, मेरठ से भारत चमन मैन की झांकी, अगोड़ी की झांकी, आदि शिव झांकी, इस्कॉन की झांकी आदि मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे।
इसके अलावा क्षेत्र की कई महिला मंगल दलों ने नंदादेवी राजजात, गढ़वाल और कुमाऊं की लोक संस्कृति और भजनों पर आधारित झांकी निकाली। शोभा यात्रा बदरीनाथ मार्ग से होते हुए झंडाचौक, नजीबाबाद रोड, लालबत्ती चौक होते हुए सुखरो देवी मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई। इस अवसर पर झंडाचौक, लालबत्ती चौक समेत शोभायात्रा के गुजरने वाले मार्गों को आकर्षक लाइटों से सजाया गया।
श्री सिद्धबली बाबा की शोभायात्रा का विभिन्न संगठनों और संस्थाओं की ओर से स्वागत किया गया। बदरीनाथ मार्ग से देवी मंदिर तक जिला परिषद मार्केट समिति, बालाजी मंदिर सेवक समिति, श्याम मित्र मंडल समेत शहर के व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों के आगे स्टॉल लगाकर श्रद्धालुओं और झांकी में शामिल कलाकारों को प्रसाद वितरित किया। शोभायात्रा के दौरान झंडाचौक में फ्यूजन बैंड कोटद्वार के कलाकारों ने गढ़वाली भजनों का कार्यक्रम आयोजित किया गया। शोभायात्रा के दौरान नगर में ट्रैफिक प्लान लागू रहा। झांकियों के तिलवाढांग चौकी से नीचे पहुंचते ही पर्वतीय क्षेत्र से आने वाले वाहनों को ग्रास्टनगंज होते हुए स्टेशन रोड के रास्ते लालबत्ती चौराहे पर हाईवे पर डायवर्ट किया गया।
सीओ विभव सैनी ने बताया कि तीन दिवसीय शोभायात्रा के लिए लैंसडौन, सतपुली, रिखणीखाल से अतिरिक्त पुलिस बल मंगाया गया है। टप्पेबाजों पर नजर रखने के लिए सादी वर्दी में भी पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। व्यवस्थाएं बनाने में एनसीसी कैडेट्स ने भी भूमिका निभाई।

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