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अयोध्या को स्मार्ट शहर बनाने के लिए जेनेसिस इंटरनेशनल नाम की कंपनी ने सर्वे का काम किया शुरू..

रामनगरी अयोध्या को विश्वस्तरीय शहर के रूप में विकसित करने की कवायद तेज हो गई है। अब यहां सिंगापुर की तर्ज पर डिजिटल ट्विन टेक्निक से शहर की मैपिंग की जा रही है। शहर को स्मार्ट शहर बनाने के लिए जेनेसिस इंटरनेशनल नाम की कंपनी ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है। खास ये है कि देश में अयोध्या पहला ऐसा शहर है जहां इस तरह की टेक्निक का उपयोग शहर के विकास के लिए किया जा रहा है।
इस सर्वे के बाद अयोध्या की एक एक गली की हूबहू थ्रीडी विजुअल प्रशासन के पास मौजूद रहेगा। हर तीन महीने में कंपनी इसको अपडेट कर प्रशासन के सर्वर पर अपलोड कर देगी। इस थ्रीडी विजुअल से किसी भी तरह की योजना बनाने में प्रशासन को आसानी होगी। चाहे वह शहर के विकास की योजना बनानी हो याफिर प्रमुख पर्वो पर भारी भीड़ को मैनेज करने की रणनीति बनानी हो, सबकुछ आसान होगा। अब तक प्रशासन टू डी मैप के जरिए अपनी योजनाएं और रणनीति तैयार करती है। मैपिंग के लिए लाई गई विशेष मशीनें अयोध्या शहर के 16 वर्ग किलोमीटर का सर्वे किया जाना है। इसमें 111 किलोमीटर की शहर की गलियों की मैपिंग भी की जाएगी। इसके लिए पांच बड़े लेंस से युक्त ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही मोबाइल मैपिंग सर्वे इक्यूपमेंट पेलोड का प्रयोग जेनेसिस की टीम कर रही है।इस मशीन में 24 मेगा पिक्सल पैनारामिक कैमरे लगे हैं। एक लाख प्वाइंट पर सेकेंड की क्षमता है। यह मशीन 100 मीटर दूरी तक के आबजेक्ट को स्कैन कर सकती है। एडीए उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि देश में पहली बार इस टेक्निक के जरिए किसी शहर की मैपिंग कराई जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शहर के रूप में अयोध्या को विकसित करने के लिए इस तरह की तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। जेनेसिस की टीम ने इस पर काम शुरू कर दिया है। शहर के 6 किलोमीटर परिधि की मैपिंग हो चुकी है। यह थ्रीडी मैपिंग हर तीन महीने पर कंपनी अपडेट करेगी।

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