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बढ़ती जा रही सीवान शराबकांड में मरने वालो की संख्या…

सीवान के लकड़ी नबीगंज ओपी थाने के बाला गांव में जहरीला पेय पदार्थ पीने से दो और लोगों की मौत हो गई। बाला कांड में मृतकों की कुल संख्या 11 हो गई है। हालांकि अभी तक सदर अस्पताल में केवल छह शवों का ही पोस्टमार्टम कराया गया है। दो मृतकों का पोस्टमार्टम  पीएमसीएच में कराया गया है। जिन दो लोगों की मौत पिछले 24 घंटे में हुई है। उनमें बसौली गांव निवासी सुर्दशन महतो व पड़ौली निवासी लक्ष्मण भगत शामिल है।
20 जनवरी को मंगाई थी स्प्रिट इससे पहले नरेख कुमार, जनकदेव बिन, रजेश कुमार, धुरेंद्र मांझी, राजू मांझी, जितेंद्र मांझी, सुरेंद्र प्रसाद, दुलम मांझी व पड़ौली गांव निवासी लक्षणदेव राम की मौत गो चुकी है। इधर कांड का आरोपित बाला गांव निवासी मंटू को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पूछताछ में मंटू ने बताया है कि दरौंदा के दीपक कुमार उर्फ सोनू कुमार से उसकी मुलाकात जेल में हुई थी। दीपक पहले ही स्प्रिट और जहरीला पेय पदार्थ  के कारोबार से जुड़ा था। उसने मंटू को ऑफर दिया था जेल से निकलने के बाद जहरीला पेय पदार्थ का धंधा करना होगा तो उससे संपर्क कर सकता है। उसने 20 जनवरी को दीपक  कुमार से स्प्रिट की मांग की। अगले दिन दीपक ने जहरीला पेय पदार्थ देने के लिए  उसे अपने घर बुलाया। दीपक ने 20 हजार में एक प्लास्टिक का गौलन में 50 लीटर कच्चा स्प्रिट दिया। वह उसे घर लाया और 22 जनवरी को कच्ची स्प्रिट  निकालकर पानी के साथ मिलावटी जहरीला पेय पदार्थ तैयार कर ग्राहकों को पिला दिया। इसके बाद से सभी की तबीयत बिगड़ने लगी। वहीं इस मामले में एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया था कि कुछ दिन पहले सारण में हुए जहरीली शराबकांड का कनेक्शन यूपी के मिर्जापुर से था। इस बार कोलकाता से कनेक्शन जुड़ रहा है। बताया कि 2022 में शराबबंदी कानून के उल्लंघन में 1लाख 31 हजार 398 लोगों को सजा हुई थी। 1480 को दो साल से अधिक की सजा मिली है। जिन जिलों में सबसे ज्यादा सजा दिलायी गयी है, उनमें पटना में 701, बक्सर में 282 को सजा हुई।

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