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बेरोजगारी, तुष्टिकरण और अवैध खनन राज्य सरकार की तीन वर्षों की उपलब्धियां- बाबूलाल मरांडी

बीजेपी विधायक दल के नेता और प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बेरोजगारी, तुष्टिकरण और अवैध खनन राज्य सरकार की तीन वर्षों की उपलब्धियां हैं। उन्होंने कहा कि सदन में सरकार ने स्वीकार किया है कि 3 साल में जेएसएससी के माध्यम से 357 नौकरियां दी गईं। जबकि सरकार द्वारा सालाना 5 लाख नौकरियों और बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया गया था।
हेमंत सरकार पर युवाओं को ठगने का आरोप बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झूठा वादा कर युवाओं से छल कर सरकार सत्ता में आई। हेमंत सोरेन को युवाओं के वोट से मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल हुई। बदले में युवाओं को बेरोजगारी का दंश मिला। अब मुख्यमंत्री मुर्गी और बकरी पालन का सुझाव रोजगार के लिए दे रहे हैं। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक सिर्फ साहिबगंज जिले में 1 हजार करोड़ का अवैध खनन और मनी लाउंड्रिंग के इनके विधायक प्रतिनिधि द्वारा अंजाम दिया गया। राजनीतिक संरक्षण में खनन और मनी लाउंड्रिंग से इन लोगों ने अपना घर भरा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हेमंत के विधायक प्रतिनिधि को बचाने के लिए इलाज का बहाना बनाने की बात मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार करते हैं। मुख्यमंत्री और उनका किस प्रकार मनी लाउंड्रिंग में संलिप्त रहा और पैसे की कमाई, ये तीन सालों की इनकी उपलब्धि ही है। सीएम के चहेते अधिकारी भ्रष्टाचार में हैं लिप्त बाबूलाल ने कहा कि नूर मुस्तफा, राजेंद्र दूबे और प्रमोद मिश्रा जैसे पुलिसकर्मियों ने आदिवासियों को जेल भिजवाकर तबाह किया है। मृत आदिवासी दारोगा रूपा तिर्की को भद्दी-भद्दी गाली देने वाला डीएसपी मुख्यमंत्री का सबसे चहेता है। सरकार रोजगार देने की मंशा नहीं रखती। यही वजह है कि राज्य की स्थानीयता का मुद्दा जो राज्य का विषय है, इसे 9वीं सूची में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया है। घरेलू सिस्टम के लिए काम कर रहे सरकारी अधिकारी बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अफसर सरकारी मशीनरी के बजाय घरेलू सिस्टम के लिए काम कर रहे हैं। इसका उदाहरण है कि दुमका के कमिश्नर और साहिबगंज के अफसरों को किस अंदाज में पंकज मिश्रा निर्देश देता था। पोस्टिंग के लिए पुलिस से वसूली की बातें ईडी के दस्तावेजों में है। ये भी तीन साल की उपलब्धि है। राज्य में प्रतिदिन, बलात्कार, हत्या, चोरी, लूटपाट एवं अपहरण की घटनाएं होती रहीं और झारखंड पुलिस मूकदर्शक होकर देखती रही। संताल के इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण डेमोग्राफी बदल रही है। आदिवासी बेटियों की हत्या की घटनाएं हुई हैं। लेकिन सरकार लीपापोती में लगी रही। लोकतंत्र के मंदिर विधानसभा में नमाज कक्ष के आवंटन का मामला हो या स्कूलों के जबरन उर्दूकरण का। तुष्टिकरण को बढ़ावा सरकार ने दिया है। ये सिर्फ वोटबैंक के लिए किया गया।

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