Tuesday , December 24 2024

सुप्रीम कोर्ट ने समान शिक्षा की मांग करने वाली एक याचिका को निराधार करार दिया.. 

 
सुप्रीम कोर्ट ने समान शिक्षा की मांग करने वाली एक याचिका को निराधार करार दिया है। याचिका में तर्क दिया गया था कि कोरोना महामारी के दौरान जब सभी चीजों का बड़े स्तर पर डिजिटलीकरण किया गया। ऐसे में प्रवासी मजदूरों के बच्चों को शिक्षा का समान अधिकार नहीं मिला। सुप्रीम कोर्ट ने समान शिक्षा की मांग करने वाली एक याचिका को निराधार करार दिया है। साल 2020 में प्रवासी मजदूरों के बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए यह याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट में दायर याचिका में तर्क दिया गया था कि कोरोना महामारी के दौरान जब सभी चीजों का बड़े स्तर पर डिजिटलीकरण किया गया। ऐसे में प्रवासी मजदूरों के बच्चों को शिक्षा का समान अधिकार नहीं मिला। साधनों के आभाव के चलते उनकी शिक्षा प्रभावित हुए, जिसके चलते समान शिक्षा नीति की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई।

महामारी समाप्त याचिका निराधार

कोर्ट में याचिका कि सुनवाई के दौरान जस्टिस एस के कौल और अभय एस ओका की बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अब महामारी की अवधि समाप्त हो गई है। पीठ ने कहा कि, कोविड-19 का दौर बीतने के कारण उक्त मामला निराधार हो गया है। क्योंकि जिस मामले को लेकर सुनवाई की मांग की गई थी, वो महामारी के दौरान प्रवासी मजदूरों के बच्चों की शिक्षा को लेकर था।

समान शिक्षा नीति को लेकर थी याचिका

सुप्रीम कोर्ट एक एनजीओ द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रहा था। गुड गवर्नेंस चैंबर्स नाम के एनजीओ के ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि कोरोनोवायरस महामारी के दौरान प्रारंभिक शिक्षा को विनियमित करने के लिए उठाए गए कदम अपर्याप्त थे। एनजीओ ने छह से 14 वर्ष की आयु के बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा से संबंधित मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए दिशा-निर्देश मांगे थे। जिन्हें संविधान के तहत मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी गई थी। कोर्ट ने अगस्त 2020 में याचिका को लेकर केंद्र को एक नोटिस भी जारी किया था।

Check Also

27768KM स्पीड, 80 फीट साइज…आज धरती से टकरा सकता है Asteroid, पढ़ें नासा का ताजा अपडेट

Asteroid Earth Collision NASA Alert: अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने आज धरती से एक …