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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे के बाद आज दिल्ली के लिए हुए रवाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे के बाद आज शनिवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गए। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पीएम मोदी को अल्मोड़ा की प्रसिद्ध बाल मिठाई, और ब्रह्मकमल से सुसज्जित टोपी भेंट की। पीएम मोदी ने सीएम धामी का धन्यवाद भी किया। ‘पर्वतमाला’ से पहाड़ों में रौनक लौटाने की तैयारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पहाड़ों में पर्वतमाला योजना के तहत कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जाएगा और सामान की ढुलाई ड्रोन के जरिए की जाएगी। विपक्ष पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश को गुलामी की मानसिकता ने कुछ ऐसा जकड़ा हुआ है कि प्रगति का हर कार्य कुछ लोगों को अपराध की तरह लगता है। उन्होंने कहा कि धर्मस्थल हमारे लिए पुंज और प्राण वायु की तरह हैं। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को चीन सीमा के अंतिम गांव माणा में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर मैंने लाल किला से एक आह्वान किया था गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्ति का। आजादी के इतने वर्षों के बाद आखिर मुझे ये क्यों कहना पड़ा। क्या जरूरत पड़ी ऐसा कहने की। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे देश को गुलामी की मानसिकता ने ऐसा जकड़ा हुआ है कि प्रगति का हर कार्य कुछ लोगों को अपराध की तरह लगता है। उन्होंने कहा कि गुलामी के तराजू से प्रगति के काम को तोला जाता रहा, इसलिए लंबे समय तक अपने आस्था स्थलों के विकास को लेकर एक नफरत का भाव पैदा किया गया। ये लोग विदेशों की संस्कृति से जुड़े स्थलों की तारीफ करते नहीं थकते, लेकिन भारत में इस प्रकार के कामों को हेय दृष्टि से देखते हैं। मोदी ने कहा कि आजादी के बाद सोमनाथ मंदिर के निर्माण में क्या हुआ, सभी को पता है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर क्या रुख रहा, सभी जानते हैं। गुलामी की ऐसी मानसिकता ने हमारे धर्मस्थलों और आस्था स्थलों को उपेक्षित रखा। सरकारें ऐसी रहीं, जिन्होंने कोई काम नहीं किया। ये इन धर्मस्थलों के साथ अन्याय था। लाखों-करोड़ों लोगों की भावनाओं का अपमान किया गया। वे हमारी आस्था के केंद्रों का महत्व कभी समझ ही नहीं सके। काशी, उज्जैन और अयोध्या समेत अनगिनत केंद्र अपने गौरव को दोबारा प्राप्त कर रहे हैं। केदारनाथ, बदरीनाथ व हेमकुंड साहिब संवर रहे हैं। सागरमाला के बाद पर्वतमाला  : मोदी ने कहा, पहले हमने भारतमाला से सीमावर्ती और सागरमाला से तटीय क्षेत्रों की कनेक्टिविटी मजबूत की। अब पर्वतमाला से पहाड़ में कनेक्टिविटी बेहतर करेंगे। उन्होंने कहा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में रोपवे का बहुत बड़ा नेटवर्क बनने जा रहा है। इससे पर्वतीय गांवों में चहल-पहल बढ़ेगी। पुरानी सरकारों ने की पहाड़ की अनदेखी : पीएम ने पुरानी सरकारों पर देश के पहाड़ी क्षेत्रों के विकास की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने पहाड़ के सामर्थ्य को उनके ही खिलाफ इस्तेमाल किया। अब पहाड़ और बार्डर एरिया का विकास केंद्र सरकार की विशेष प्राथमिकता में है। पहाड़ का विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। विकास कार्यों का शिलान्यास : मोदी ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे के साथ ही माणा से माणा पास व जोशीमठ से मलारी की सड़कों के डबल लेन सड़कों का शिलान्यास भी किया। 9.7 किलोमीटर लंबा रोपवे गौरीकुंड से केदारनाथ को जोड़ेगा। इस से वर्तमान में लगने वाला छह से सात घंटे का समय कम होकर लगभग 30 मिनट का रह जाएगा। वहीं, हेमकुंड साहिब के लिए 12.4 किलोमीटर लंबा रोपवे गोविंदघाट से बनेगा। यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा। सागरमाला और भारतमाला से आगे… सात साल पहले देश में बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे विकसित करने के लिए सरकार ने सागरमाला परियोजना शुरू की। इसके बाद सड़कों, राजमार्गों का नेटवर्क मजबूत करने के लिए भारतमाला परियोजना को गति मिली। अब  पर्वतमाला परियोजना से पहाड़ी इलाकों में संपर्क बेहतर करने और जीवन सुगम करने की तैयारी है। सागरमाला  कब शुरुआत: जुलाई 2015 मकसद:  7516 किमी लंबी समुद्री तट रेखा के आसपास बंदरगाहों के ईद-गिर्द विकास को बढ़ावा देना अब तक क्या: 2.12 खरब डॉलर की परियोजनाएं शुरू की जा चुकी हैं, जिनमें कई पूरी हो चुकी हैं। भारतमाला  कब शुरुआत: जुलाई 2015 में ऐलान के बाद वर्ष 2017 में इस महत्वाकांक्षी परियोजना ने गति पकड़ी। मकसद: पूरे देश में सड़क संपर्क में सुधार करना। अब तक क्या: मार्च 2022 तक 5.35 लाख करोड़ रुपये की लागत से 34,800 किमी राजमार्ग परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है।

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