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भाजपा सांसद परवेश साहिब सिंह ने केजरीवाल सरकार के शिक्षा मॉडल पर उठाये सवाल

दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है। अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद परवेश साहिब सिंह ने एक ट्वीट कर केजरीवाल सरकार के शिक्षा मॉडल पर सवाल उठाया है। अपने ट्वीट में भाजपा सांसद ने दावा किया है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 84% प्रिन्सिपल, 34% वाइस प्रिन्सिपल, 33% टीचर, 40% TGTऔर  22% PGT के पद खाली हैं। दरअसल उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह बातें कही हैं।

इस मीडिया रिपोर्ट में DOE डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल से लेकर शिक्षकों तक की भारी कमी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रिंसिपलों के कुल 950 पदों को भरा जाना था। लेकिन इनमें से सिर्फ 154 पदों को भरा गया जबकि 796 पद खाली रहे। इस तरह कुल करीब 83.7 फीसदी पद खाली हैं।

इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ज्यादातर स्कूल को वाइस-प्रिंसिपल चला रहे हैं। जहां तक उप-प्राचार्य की बात है तो इनके कुल 1,670 पद थे और इनमें से 565 खाली हैं। शिक्षकों को लेकर इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल 65,979 पदों में से सिर्फ 21,910 को भी भरा जा सका। अभी भी 33 फीसदी सीटें खाली हैं। इन रिक्तियों को 20,408 गेस्ट टीचरों के जरिए भरा गया। लेकिन अभी भी 1,502 शिक्षकों की कमी है।

इस रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि स्कूल में प्रिंसिपलों की भर्ती यूपीएससी के जरिए होनी थी। परीक्षाएं हो चुकी हैं। हमें उम्मीद है कि जल्द ही कई सारे प्रिंसिपल हमें मिल जाएंगे और इसी तरह शिक्षक भी मिलगें। दिल्ली सब-ऑर्डिनेट सर्विस सलेक्शन बोर्ड जो केंद्र सरकार को सीधे रिपोर्ट करता है उसकी वजह से ही शिक्षकों की भर्तियों में देरी हुई है।

एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान में ट्रेन्ड ग्रेजुएट टीचर्स (TGT)के कुल 33,761 पदों में से 13,421 खाली हैं, जबकि 20340 भरे गए हैं। पोस्टग्रेजुएट टीचर्स (PGT) की अगर बात करें तो कुल 17,714 पदों में से 13,886 पद भरे गये जबकि 3,838 अभी भी खाली हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकारी में सभी शिक्षकों के एक तिहाई पद अभी खाली हैं। इसके अलावा मिसलेनियस शिक्षकों की कुल संख्या 4,661 है। जबकि कुल पदों की संख्या 14,504 है। सूत्रों के हवाले से इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जो 21,910 पद खाली हैं उनमें से 20,408 पदों पर गेस्ट शिक्षक काम कर रहे हैं। गेस्ट शिक्षकों को फाइनेंशियल और अन्य अहम जिम्मेदारियां नहीं दी जा सकती हैं। जब रोजगार परमानेंट नहीं होता तो प्रतिबद्धता के स्तर में अंतर रहता है। युवा गेस्ट शिक्षक अलग-अलग परमानेंट नौकरियों को लेकर कोशिश जारी रखते हैं और इसके लिए वो अक्सर छुट्टियां लेते हैं। इसके अलावा गणित, विज्ञान, अंग्रेजी और उर्दू विषय के लिए गेस्ट शिक्षक ढूंढना भी मुश्किल है।

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