उत्तराखंड में पिछले दो दिन से हो रही भारी वर्षा (Uttarakhand Rains) आफत लेकर आई है। पर्वतीय क्षेत्रों में दुश्वारियों का पहाड़ खड़ा हो गया है।
जोगड़ी गांव में खेतों में भारी मात्रा में मलबा भरा
इसी क्रम में रविवार देर रात श्रीनगर में दो जगहों पर बादल फटने की घटना हुई है। जोगड़ी गांव में बादल फटने (Cloud Burst) की पहली घटना हुई। गांव के 100 नाली से अधिक खेतों में भारी मात्रा में मलबे के साथ बरसाती पानी भर गया है। राहत की बात यह है कि यहां कोई जन हानि नहीं हुई है। प्रधान अनिल रावत ने बताया कि सभी मकान सुरक्षित हैं, लेकिन खेत और खेती चौपट हो गई है।
खिरसू से खेड़ाखाल रोड पर लालमाती से लगभग दो किमी दूरी पर यह गांव है। घटना रात्रि लगभग एक बजे की बताई जा रही है। घटना की सूचना मिलते ही उपजिलाधिकारी श्रीनगर अजयबीर सिंह मौके पर पहुंच गए।
रेतुड़ गांव में भी बादल फटने (Cloud Burst) की सूचना
वहीं जोगड़ी से लगभग पांच किमी दूर रेतुड़ गांव में भी बादल फटने से मलबा और पानी आ गया है। उपजिलाधिकारी श्रीनगर अजयबीर सिंह ने रेतुड़ गांव के लिए एक अन्य राजस्व टीम भेजी हुई है।
मलबा आने से पौड़ी जिले में 23 मोटर मार्ग अवरुद्ध
जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में रात्रि से रुक- रुक कर हो रही वर्षा ग्रामीण क्षेत्रों की लाइफ लाइन कहे जाने वाले ग्रामीण मोटर मार्गों पर कहर बनकर टूटी है। जगह-जगह मलबा आने से रविवार को एक राज्य मार्ग सहित 23 मोटर मार्ग बंद हो गए।
जनपद में वर्षा से राज्य मार्ग पैठाणी-नोटी-कर्णप्रयाग के अलावा डुंगरीपंथ-छातीखाल, किंसूर-कांडी, दमदेवल-गडरी-झलपाडी, पोखरीखेत-चोरकंडी-मासौ, पोखरी-डुमका समेत ग्रामीण क्षेत्रों के 23 मोटर मार्ग शामिल हैं। हालांकि बंद मार्गों को खोलने में जगह-जगह जेसीबी मशीने लगाई गई हैं,लेकिन इसमें भी बारिश बाधा बन रही है।
सड़क सुरक्षा के कार्यों को मिलेगी तेजी
उत्तराखंड के जिलों में सड़क सुरक्षा कार्यों के लिए अब बार-बार शासन व सड़क सुरक्षा कोष से बजट मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति ने सभी जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति के निवर्तन पर 10 से 20 लाख रुपये रखने का निर्णय लिया है। इससे वे तात्कालिक परिस्थिति के हिसाब से कार्यदायी संस्था को सड़क सुरक्षा के कार्यों के लिए बजट उपलब्ध करा सकेंगी।