लखनऊ के पुलिस कमिश्नर ध्रुवकांत ठाकुर यानी डी के ठाकुर ने सफलतापूर्वक एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। पिछले साल नवंबर में ही सुजीत पाण्डेय को हटाकर डीके ठाकुर को राजधानी लखनऊ पुलिस की कमान सौंपी गई थी। इस साल के कार्यकाल के दौरान कमिश्नर डीके ठाकुर के नाम शानदार उपलब्धियां रहीं। साधना न्यूज़ चैनल के साथ खास बातचीत में कमिश्नर ठाकुर ने अपनी आगे की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उनका कहना है कि पूरे प्रदेश के साथ ही राजधानी लखनऊ में भी अपराध पर पूरी तरह लगाम लगा दी गई है। साइबर क्राइम एक चुनौती है, लेकिन लखनऊ पुलिस उसके लिए भी लगातार जनता को जागरूक करती आ रही है।
एटीएस के एडीजी डीके ठाकुर साल 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। कमिश्नर बनने से पहले पहले वे राजधानी लखनऊ के एसएसपी भी रह चुके थे। बीएसपी चीफ मायावती के शासनकाल में ठाकुर लखनऊ के एसएसपी और डीआईजी के पद पर तैनात थे। उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में भी काम किया है। पुलिस अधिकारियों में ठाकुर की अलग पहचान है। जब वह लखनऊ में तैनात थे तब लोगों की शिकायतों को सुनने के लिए 10 बजे से शाम पांच बजे तक उपलब्ध रहते थे। कमिश्नर बनने के बाद पिछले एक साल में उनकी लोकप्रियता खासी बढ़ी है। मुख्यमंत्री कार्यालय में भी उनकी दक्षता की तारीफ की जाती रही है। वे नियमित रूप से दफ्तर में बैठकर सालों से लंबित मामलों को निपटाते रहे हैं।