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उत्तराखंड में हवा के झोंकों ने दिलाई ठंडक…

शुक्रवार को अचानक मौसम का रुख बदल गया। बादलों की ओट में छिपे सूर्य के दर्शन सुबह नौ बजे के बाद हुए। तब तक बादल छाए रहे। इस दौरान हवाएं चलीं और हल्की बूंदाबांदी भी हुई। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, कुमाऊं और गढ़वाल के पर्वतीय जिलों में हल्की बारिश होने से मैदानी इलाकों में भी इसका असर देखा (Uttarakhand Snowfall) गया है। अगले दो दिन तक मौसम ठंड रहने के आसार हैं। वहीं ठंड शुरू होते ही लोगों ने गर्म कपड़े निकाल लिए हैँ। शुक्रवार को हल्द्वानी का अधिकतम तापमान 28.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, मुक्तेश्वर का अधिकतम 17.5 और न्यूनतम 7.1 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार, गढ़वाल उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और कुमाऊं में बागेश्वर और पिथौरागढ़ में बारिश के साथ ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी के भी आसार हैं। इधर पंतनगर कृषि विवि के मौसम विशेषज्ञ डॉ. आरके सिंह ने बताया कि पर्वतीय जिलों में मौसम बदलने का असर हल्द्वानी और अन्य मैदानी इलाकों में दिखाई दिया है। पहाड़ी जिलों में बारिश के आसार हैं। हालांकि मैदानी इलाकों में ज्यादा असर नहीं है, लेकिन ठंडी हवा चलने से तापमान में गिरावट आएगी। हल्की बारिश और ठंड ने बढ़ाईं मुश्किलें हल्की बारिश के साथ ठंड बढ़ने से कारोबारियों की मुश्किलें भी बढ़ गईं हैं। शुक्रवार सुबह बारिश के बाद दिन में धूप खिलने से लोगों को हल्की राहत मिली थी, लेकिन शाम छह बजे फिर एक बूंदाबांदी शुरू हो गई। दीपावली में दुकानों के बाहर तक सामान सजाने व खुले में लगी आतिशबाजी की दुकानों के स्वामियों की चिंता बढ़ गई। जीआईसी स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी नवीन चंद्र धूसिया ने बताया कि शुक्रवार को नैनीताल का अधिकतम तापमान 22, न्यूनतम तापमान 10 डिग्री दर्ज किया गया। सर्दी के मौसम में सेहत सुधारेगी धूप सर्दी की दस्तक के साथ ही हड्डियों, मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द की समस्याएं बढ़ने लगती हैं। महिलाओं व बुजुर्गों को ठंड में अधिकतर यह दिक्कत होती है। ठंड में तापमान में कमी के कारण नसें सिकुड़ने लगती हैं और विटामिन-डी की कमी के कारण दर्द बढ़ जाता है। ऐसे में व्यायाम व धूप सेकना सेहत के लिए खासा लाभदायक है। ठंड के कारण नगर के बीडी पांडे अस्पताल में हड्डियों, मांसपेशियों व जोडों में दर्द की शिकायत वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि सर्दी के मौसम ठंड व शारीरिक श्रम कम होने के चलते मांस-पेशियों में ऐंठन आ जाती है। ठंड से जोड़ों में रक्त का प्रवाह भी धीमा पड़ जाता है। इन दिनों रोजाना 20 से 25 मरीज जोडों, हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द की समस्या लेकर अस्पताल में उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे रखें अपना ख्याल डॉ. नरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि ठंड में मांशपेशियों, हड्डियों और जोड़ों के दर्द से बचने के लिए  व्यायाम जरूर करें। सुबह धूप निकलने के बाद ही मार्निंग वाक करने जाएं। ठंड अधिक होने पर घर के अंदर ही व्यायाम करें। एक ही स्थान पर लंबे समय तक बैठे रहने से बचें और थोड़ी-थोड़ी देर में हल्का व्यायाम करें। खाने में ताजे फल व सब्जियों का सेवन करें। दिक्कत आने पर डॉक्टर से सलाह लें।

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