दुनियाभर में बढ़ती सैन्य क्षमताओं के मद्देनजर भारत भी स्वदेशी स्तर पर अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में जुटा है। इसी के तहत रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कोच्चि आधारित कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) से आईएनएस ब्यास फ्रिगेट के मिड लाइफ अपग्रेड और इसे पुनः सशक्त बनाने के लिए समझौता किया है। मंत्रालय ने सीएसएल को 313.42 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट सौंपा है। गौरतलब है कि आईएनएस ब्यास ब्रह्मपुत्र क्लास की पहली फ्रिगेट है, जिसे भाप से डीजल प्रॉपल्शन सिस्टम में परिवर्तित किया जा रहा है।
बताया गया है कि 2026 में मिड लाइफ अपग्रेड (यानी फ्रिगेट के आधी सेवा पूरी हो जाने पर इसे अपग्रेड किए जाने) और पुनः सशक्त बनाने के बाद के बाद आईएनएस ब्यास को भारतीय नौसेना की सक्रिय सेवा में फिर से तैनात किया जाएगा। इसमें आधुनिक हथियारों का बेड़ा और बेहतर युद्ध क्षमता मौजूद होगी।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट से भारतीय नौसेना की उपकरणों की मेंटनेंस की क्षमता भी बढ़ेगी और इससे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की रिपेयरिंग क्षमता को भी परखा जाएगा। इस प्रोजेक्ट में 50 से ज्यादा मध्यम और छोटे उद्यमों को काम मिलेगा, जिससे 3500 से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी।