संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष साबा कोरोसी ने सोमवार को कहा कि सुरक्षा परिषद के एक स्थायी सदस्य ने यूक्रेन पर हमला किया और सुरक्षा परिषद स्थिति से निपटने में नाकाम रही। इससे स्पष्ट होता है कि यह वैश्विक निकाय बेकार हो गया है। राजनयिकों और रणनीतिक विशेषज्ञों के एक समूह को संबोधित करते हुए कोरोसी ने कहा कि सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत है, ताकि यह वैश्विक शक्तियों के बदलते संतुलन को परिलक्षित कर सके और विभिन्न देशों में वित्तीय संकट का मुकाबला कर सके।
लिखित में सहमति नहीं रहने पर जताया आश्चर्य
उन्होंने 17 साल पहले सुरक्षा परिषद में शुरू हुए सुधार की रफ्तार धीमी रहने की भी आलोचना की। मालूम हो कि भारत अपनी बड़ी आबादी और अंतरराष्ट्रीय मामलों में भूमिका के चलते लंबे समय से सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता की मांग करता रहा है। वर्तमान में चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के पास सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता है। भारतीय वैश्विक परिषद में अपने संबोधन के दौरान चाबा कोरोसी ने सुधार प्रक्रिया की लिखित में सहमति नहीं रहने पर आश्चर्य जताया।
सुधार कब तक होगा कुछ भी तय नहीं
उन्होंने कहा, क्या इसकी कोई समय सीमा है? नहीं, मुझे लगता है कि ऐसा नहीं है। क्या इसको लेकर वार्ता का कोई लिखित दस्तावेज है? नहीं, ऐसा नहीं है। क्या आपने ऐसी कोई वार्ता प्रक्रिया देखी है, जिसमें कोई लिखित दस्तावेज ही नहीं है, जिस पर बातचीत होगी? सुधार कब तक होगा, इसको लेकर कुछ भी तय नहीं है।
पीएम मोदी से मिले कोरोसी
कोरोसी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की। मुलाकात के बाद मोदी ने ट्वीट किया, भारत की पहली यात्रा पर आए कोरोसी का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। हमने संयुक्त राष्ट्र सहित बहुपक्षवाद के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। हमने वैश्विक जल संसाधनों के संरक्षण और अनुकूलन के महत्व पर चर्चा की। भारत में जी-20 के लिए उनके समर्थन का स्वागत किया। कोरोसी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात की और मौजूदा वैश्विक चुनौतियों पर बातचीत की।