दसवीं मोहर्रम पर विक्टोरिया स्ट्रीट स्थित नाजिम साहेब इमामबाड़े से मंगलवार को निकाला गया। हजारों अंजुमनों ने अपने अलम उठाए। मातमी अंजुमनों के साथ जुलूस में शामिल अकीतदमंदों ने इमाम हुसैन को नजराना अकीदत पेश किया। करीब 12 बजे जुलूस नक्खास चौराहे पर पहुंचा। उधर, निशातगंज समेत कई अन्य स्थानों पर जुलूस में चल रहे लोगों के हाथों में तिरंगे लहरा रहे थे।
इमामबाड़ा नाजिम साहेब से जुलूस निकले के पूर्व मजलिस को मौलाना हमीदुल हसन ने खिताब किया। मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने इमाम हुसैन की शहादत का मंजर पेश किया तो अजादार अश्कबाग हो गए। इसके बाद आशूर का जुलूस निकाला गया। इस दौरान हजारों अकीदतमंदों ने इमाम के गम में कमा और जंजीर का मातम कर खुद को लहुलुहान कर लिया।
अजादार हरे-काले झंडे जिसपर ‘या हुसैन” व या अब्बास लिखा था हवा में लहरा रहे थे। जुलूस में अजादार जगह-जगह रूककर सीनाजनी कर रहे थे। एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि जुलूस मार्ग पर बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात है। जुलूस के साथ अधिकारी जल रहे हैं। ड्रोन कैमरे से जुलूस मार्ग की निगरानी की जा रही है।
आशूरा के जुलूस का मार्गः जुलूस नक्खास, टूडिय़ागंज, बाजारखाला, हैदरगंज, एवरेडी चौराहा होते हुए कर्बला तालकटोरा पहुंचेगा।
सुन्नी समुदाय का जुलूसः उधर, महानगर में सुन्नी समुदाय ने जुलूस निकाला। यहां भी हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। जुलूस निशातगंज स्थित कर्बला में समाप्त होगा।
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