लखनऊ। अपने दूसरे कार्यकाल में सीएम योगी आदित्यनाथ खासे सक्रिय नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अपने सभी मंत्रियों और अफसरों से एक हफ्ते के भीतर दूसरा प्रैक्टिकल ऐक्शन प्लान मांगा है।
उन्होंने विभागों से कहा है कि योजनाएं और लक्ष्य व्यवहारिकता व ठोस धरातल के आधार पर तय करें। इनको निर्धारित करते समय आर्थिक पहलुओं का भी ध्यान रखें। शासन के सभी विभागों को 10 सेक्टर में बांटकर उनका सेक्टरवार लक्ष्य तैयार करें। एक सप्ताह में इस कार्ययोजना को योगी खुद देखेंगे और उसके आधार पर आगे का लक्ष्य तय करेंगे।
सीएम ने 100 दिन की कार्ययोजना का प्रेजेंटेशन देखा
मुख्यमंत्री योगी ने मंगलवार की शासन के सभी विभागों की 100 दिन की कार्ययोजना का प्रेजेंटेशन देखा। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने विभागों की समन्वित कार्ययोजना बारी-बारी से सीएम के समक्ष रखी। योगी ने कहा कि हमारे समक्ष यूपी को नंबर एक राज्य और नंबर एक अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए व्यापक रूपरेखा बनाई जाए।
छुट्टा पशु, मुफ्त यात्रा, पेंशन के अमल पर जोर
सरकार ने पहले 100 दिन के अजेंडे में उन मसलों पर खास तौर पर जोर दिया है, जिसने उसने चुनाव में प्रमुखता से जनता के समक्ष रखा था। छुट्टा पशुओं की समस्या भी उनमें एक है। पशुपालन विभाग को इसके लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाने को कहा गया है।
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60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को बस में मुफ्त यात्रा, सामाजिक पेंशन की बढ़ोतरी के वादे पर अमल, युवाओं को टैबलेट और स्मार्टफोन का वितरण जैसे वादों को जल्द अमलीजामा पहनाया जाएगा। आबकारी विभाग को भी जहरीली या अवैध शराब होने वाली जानलेवा घटनाओं पर पूरी तरह से लगाम लगाने को कहा गया है।
सीएम ने बैठक में कार्ययोजना के जरिए लोक कल्याण संकल्पपत्र के बिंदुओं और केंद्रीय योजनाओं को आगे बढ़ाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि कार्ययोजना में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कारगर रणनीति भी तैयार की जानी चाहिए। हम सभी को टीम यूपी के रूप में कार्य करना होगा। मंत्री अपने-अपने विभागों में विचार-विमर्श कर रणनीति तैयार करें। बेहतर कार्य संस्कृति एवं परिणाम के लिए व्यवस्था में जरूरी बदलाव किए जाएं।
‘जनता की सहूलियत पर दें ध्यान’
योगी ने कहा कि योजना बनाते समय ‘ईज ऑफ लिविंग’ पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। लोगों के जीवन को सहज और सरल बनाने के साथ जीवन स्तर में सुधार लाने वाली योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाएं। इसमें ओडीओपी विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, स्वामित्व योजना जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए तकनीक का भी इस्तेमाल करें।
बेसिक स्कूलों में संसाधन और नामांकन बढ़ाने के लिए भी पूरे मनोयोग से जुटने के निर्देश दिए। योगी ने कहा कि जनता की शिकायतों के तत्काल व प्रभावी समाधान के लिए ऑनलाइन व्यवस्था विकसित की जाए, जिससे उसकी रिपोर्टिंग और मॉनिटरिंग हो सके। बैठक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और सभी कैबिनेट मंत्री मौजूद रहे।
10 सेक्टर में बांटे गए विभाग
- कृषि उत्पादन : कृषि, विपणन, रिसर्च, उद्य्रान, गन्ना, पशुधन, रेशम विकास, सिंचाई-जल संसाधन, सहकारिता।
- औद्योगिक विकास : अवस्थापना, एमएसएमई, ऊर्जा, आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स, नागरिक उड्डयन, पीडब्लूडी, खादी एवं ग्रामोद्योग, संस्थागत वित्त।
- सामाजिक सुरक्षा : समाज कल्याण, महिला कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ, श्रम , खाद्य एवं रसद।
- स्वास्थ्य : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, बाल विकास एवं पुष्टाहार खाद्य एवं औषधि प्रशासन।
- ग्रामीण विकास : ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, नमामि गंगे एवं जलापूर्ति, राजस्व व ग्रामीण अभियंत्रण।
- शहरी विकास : आवास एवं शहरी नियोजन, नगर विकास, पर्यावरण व वन।
- पर्यटन व संस्कृति : संस्कृति, पर्यटन, धर्मार्थ कार्य, सूचना व भाषा।
- शिक्षा : बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, खेलकूद व युवा कल्याण।
- राजस्व : जीएसटी, कर एवं निबंधन, आबकारी, परिवहन, भूतत्व एवं खनिकर्म।
- विविध सेक्टर : गृह, सचिवालय प्रशासन, कार्मिक एवं होमगार्ड्स।
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