नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन में जारी भीषण युद्ध के बीच दुनियाभर में दहशत का माहौल है. रूसी सैनिकों की ओर से किए जा रहे लगातार हमले की वजह से यूक्रेन की स्थिति काफी बिगड़ती जा रही है. कई निर्दोष लोगों के साथ कई सैनिकों की जान जा चुकी है.
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इस घटनाक्रम के बाद माहौल बेहद ही तनावपूर्ण है. अगर इसमें किसी और देश की ओर से हस्तक्षेप करने का फैसला लिया जाता है तो हालात और खराब हो सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और सुरक्षा को लेकर खतरा और बढ़ सकता है.
यूक्रेन पर भारी पड़ रहे रूसी सैनिक
रूसी सैनिक अपनी मजबूत क्षमता की वजह से यूक्रेन पर भारी पड़ रहे हैं. रूस के पास ऐसे कई हथियार और मिसाइलें हैं जो यूक्रेन के पास नहीं है. रूसी सैनिकों की संख्या ही करीब साढ़े आठ लाख के आसपास है जबकि यूक्रेन के सैनिकों की संख्या ढाई लाख के करीब है.
रूस का सैन्य बलों पर खर्च यूक्रेन से 10 गुना अधिक
रूस और यूक्रेन में खूनी जंग के बीच दोनों देशों के हथियारों और सैन्य बलों की तुलना की जा रही है. रूस का सैन्य खर्च यूक्रेन के मुकाबले करीब 10 गुना ज्यादा है. वैश्विक प्रतिभूतियों पर एक स्वतंत्र संसाधन स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के आंकड़ों से पता चलता है कि, रूस ने 2020 में सैन्य संबंधी खर्चों पर करीब 61.7 बिलियन डॉलर खर्च किए.
यह 2020 में यूक्रेन की ओर से किए गए सैन्य खर्च से लगभग दस गुना अधिक है. पिछले 5 सालों में रूस ने वार्षिक आधार पर अपनी सैन्य क्षमता के निर्माण पर 60 बिलियन डॉलर से अधिक खर्च किए हैं. इस बीच यूक्रेन का खर्च 2016 में 2.9 बिलियन डॉलर से लगभग दोगुना होकर 2020 में 5.9 बिलियन डॉलर हुआ है.
रूस और यूक्रेन का सैन्य खर्च
साल रूस यूक्रेन
- 2016 69.2 बिलियन डॉलर 2.9 बिलियन डॉलर
- 2017 66.9 बिलियन डॉलर 3.2 बिलियन डॉलर
- 2018 61.6 बिलियन डॉलर 4.1 बिलियन डॉलर
- 2019 65.2 बिलियन डॉलर 5.4 बिलियन डॉलर
- 2020 61.7 बिलियन डॉलर 5.9 बिलियन डॉलर
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